अपनी सरकार के अधिकारियों से गुस्सा हुए भाजपा मंडल अध्यक्ष नरपत सिंह एडवोकेट बोले- ऐसी जनसुनवाई से क्या फायदा
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) राजस्थान सरकार में अधिकारी जनता की नहीं सुनते है इसलिए आमजन को अपनी पीड़ा के लिए अधिकारियों,विधायकों और भाजपा पदाधिकारी के चक्कर लगाने पड़ते है। खास बात तो यह भी है कि वर्तमान में अधिकारी विपक्षी पार्टियों के विधायकों की तो छोड़िए, भाजपा के पदाधिकारी तक भी नहीं सुन रहे है।इस बात की तस्दीक खुद भाजपा मंडल अध्यक्ष नरपत सिंह एडवोकेट ने कर दी है। गुरुवार को हुई उपखंड स्तरीय उपखंड अधिकारी मोहकम सिंह सिनसिनवार की अध्यक्षता में जनसुनवाई के दौरान उन्होंने अपना यह दर्द बयान कर दिया। इतना ही नहीं अधिकारियों को भी खरी खरी सुनाई।
कहा कि हर बार अधिकारियों की ओर से जनसुनवाई की जाती है। लेकिन उससे आम जनता को कोई फायदा नहीं होता । क्योंकि जनसुनवाई में लोग दूर-दराज इलाकों से किराया भाड़ा खर्च कर परेशानी झेलते हुए आते हैं। लेकिन जनसुनवाई में फरियाद लेकर आने वाले गरीब आम जनता के काम नहीं होते हैं । जनसुनवाई में आने वाले अधिकारी आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं, किसी मामले को लेकर कोर्ट में जाने की सलाह दी। फिर ऐसी जनसुनवाई करने से क्या फायदा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश की आम जनता और गरीबों के विकास के लिए प्रयासरत हैं। आम जनता और गरीबों तथा किसानों के विकास के लिए दिन रात काम कर रहे हैं , मेरा खुद का उद्देश्य गरीब और आम जनता की समस्याओं का समाधान कराना है ।
निजी विचार....
जनसुनवाई सच मे तभी सार्थक हो सकती है जब हम अंतिम छोर तक उसका निस्तारण नही कर देते हैं। हर बार जनसुनवाई ऐसे समझों जैसे जीवन मे नए लोगों को जोड़कर उनसे प्यार प्रेम बढ़ाना जबकि पुराने रिश्तों में जंग लगी हुई है, पुराने सम्बन्ध निभाए नहीं जा रहे। मित्र चाहे एक ही हो पर हो ऐसा जो उस वक्त खड़ा मिले जब कोई ना साथ न हो भीड़ बढ़ाने से कोई लाभ नहीं ठीक ऐसे ही जनसुनवाई में भी चाहे उपखंड स्तर की ना होकर जिले स्तर की हो लेकिन उस अंतिम छोर तक हो कि जब पीड़ित पक्ष बाहर निकले तो अगली जन सुनवाई की डेट पूछता बाहर ना निकले, पीड़ित पक्ष को न्याय मिले।
- कमलेश जैन