कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और कार्मिको ने की सांकेतिक हड़ताल
रामगढ़ (राधेश्याम गेरा) कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक व समस्त कर्मचारी जो कि प्रदेश भर के कृषि विश्वविद्यालयों और स्वयंसेवी संस्थाओं के अधीन कार्यरत हैं। 5 दिसंबर को एक दिवसीय पेन डाउन सांकेतिक हड़ताल की। यह हड़ताल वेतन विसंगति,पद नाम में भेदभाव, सेवानिवृत्ति परिलाभ और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की पक्षपाती नीतियों के विरोध में की जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र नौगाँवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि प्रदेशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्मिक और वैज्ञानिक, देश भर में कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों के लिए समान वेतन संरचना लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, एनपीएस (नई पेंशन योजना) सहित समान सेवानिवृत्ति लाभ लागू करने, और डॉ आर.एस. परौदा उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के तहत कृषि विज्ञान केंद्रों में समान सेवा शर्तें लागू करने की भी मांग की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि एस एम एस (संबंधित विषय विशेषज्ञ) को वैज्ञानिक/सहायक प्रोफेसर के पद पर समान रूप से पुनर्नामित करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों और स्टाफ के पदों का पुनर्गठन और पुनः निर्धारित पदों के आधार पर वेतन संरचना में सुधार की मांग की जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारी और वैज्ञानिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से इन मुद्दों पर शीघ्र ध्यान देने की अपील कर रहे हैं, ताकि कृषि क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के साथ न्याय हो सके और वेतन संरचना व सेवा शर्तों में समानता लाई जा सके। इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र नौगावा के डॉक्टर विकास आर्य, डॉक्टर हंसराम माली, डॉक्टर पूनम, जगदीश प्रसाद, दीवान सिंह, श्रवण सिंह, मुकेश कुमार, सत्येंद्र सिंह, कमलेश यादव, पुष्कर देव, सुरेश धाकड़ एवम् आशा महावत कर्मचारी उपस्थित रहे।