चुनाव के दौरान नामांकन में बच्चों की संख्या 4 की जगह बताई 2, कोर्ट ने सरपंच का किया शून्य: 3 साल बाद आया फैसला
भरतपुर जिला न्यायाधीश ने डीग जिले के कामां इलाके में सहेड़ा सरपंच का निर्वाचन शून्य कर दिया। सहेड़ा ग्राम पंचायत से शारदा देवी सरपंच थी। उन्होंने चुनाव के दौरान नामांकन में बच्चों की संख्या को कम बताया था। जिसके बाद दूसरे नंबर पर आने वाली कैंडिडेट इस मामले को लेकर कोर्ट में चली गई। मंगलवार को कोर्ट ने तत्कालीन सरपंच का निर्वाचन शून्य कर दिया।
कोर्ट में केस करने वाली राजो देवी निवासी सहेड़ा ने बताया कि सरपंच के चुनाव 15 मार्च 2020 में हुए थे। चुनावों में शारदा देवी निवासी भौंगरा जीत गई। दूसरे नंबर पर राजो रही और तीसरे नंबर पर कुसुम रहीं। अप्रैल 2020 में कुसुम पक्ष ने शारदा के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें बताया गया कि शारदा ने नामांकन के दौरान अपनी बच्चों की 4 की जगह 2 बताई है। जिसके बाद कोर्ट में केस चला तो, कुसुम पक्ष और शारदा ने आपस में समझौता कर लिया।
इसके बाद दूसरे नंबर पर आने वाली महिला राजो देवी ने कोर्ट में शारदा के खिलाफ 8 जुलाई 2021 को याचिका दायर की। कोर्ट ने मंगलवार को राजो देवी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए शारदा के निर्वाचन को शून्य कर दिया गया है। यह फैसला जिला न्यायालय के न्यायाधीश केशव कौशिक ने सुनाया है।