गौ जागृति शोसल मीडिया मंच के बैनर तले मुहिम चलाकर किया गौदान
पौष अमावस्या को 5000 गायों को खिलाई लापसी
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) शास्त्रों में गौ माता की साक्षात यज्ञरूप मान्यता है। भगवान श्रीकृष्ण से लेकर अनेक भारतीय ऋषि गौ सेवा को यज्ञ समान पुण्य प्राप्त होने का संदेश दिया है।गौ में मां जैसी ममता, करुणा और वात्सल्य है, वह मानव मात्र का हित करने वाली है। इसलिए हमारे पूर्वजों ने गौ सेवा, गौ माता की पूजा, रक्षा को दिनचर्या का अंग बनाया था। कहते हैं देशी गायों की सेवा के निमित्त किया गया एक ग्रास का दान भी सुख-समृद्धि-सौभाग्य जगाता है। महाभारत में गौ सेवा की महिमा को लेकर वर्णन है कि जो व्यक्ति स्त्री-पुरुष सहित सम्पूर्ण कुटुम्ब गौ माता की सेवा करता है, उनकी पवित्र सान्निध्य का उपयोग करता है, गौ माता को सन्तुष्ट रखता है, उसे गौ माता अत्यन्त दुर्लभ आशीर्वाद प्रदान करती है, सौभाग्य जगते हैं।इस कारण गौ जागृति शोसल मीडिया मंच के माध्यम से व्याख्याता बीजाराम सुथार राउमावि भीमथल ने सर्दी के भयावह रूप देखते हुए मुहिम चलाई और निवेदन किया कि गौदान में प्राप्त राशि से गौमाता के लिए लापसी,दवाई,चारा,गर्म बिस्तर व दवाई के लिए काम ली जायेगी इस अपील पर भारतभर से गौभक्त जुड़े और दो लाख रुपए गौदान के रूप में प्राप्त हुए उस राशि से पौष अमावस्या पर पांच हजार गौमाता के लिए अलग-अलग गौशाला में लापसी बनाकर खिलाई गई शेष राशि श्री गौमाता गौशाला संस्थान गडरा व श्री नारायण गौशाला रङू में दवाई,चारा,दाला व गर्म वस्त्र खरीद कर भेंट किये।श्री गौमाता गौशाला संस्थान गडरा के कोषाध्यक्ष बाबुलाल खिचङ ने बताया कि गौ जागृति मंच के युवा साथियों ने मुहिम के माध्यम से गौशाला में सहयोग कर पुण्यार्थ का कार्य किया है यदि इस तरह सभी सहयोग करें तो हमारी गौमाता कोई भटकती नहीं मिलेगी।संस्थान के मीडिया प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने गौ जागृति शोसल मीडिया मंच के माध्यम से जुड़े गौभक्तों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया।