रमजान के तीसरे जुमे की अदा की गई नमाज

तखतगढ़ (बरकत खान) रहमत व बरकत का महीना रमजाननुल मुबारक के तीसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को अता की गई। इससे मस्जिदो में भीड़ लगी रही, रोजेदारों तखतगढ़, कोसेलाव , बांकली, नारोना, के मस्जिदो में अकीदत के साथ नमाज पढ़ी। हाफिज मोहम्मद उवैस रज़ा साहब ने कहा कि माह - ए - रमजान चल रहा है।इसी दौरान तराबी पढ़ने का बड़ा महत्व है। रमजान शुरू होने के पहले ही रमजान का चांद देखने के साथ ही रात में लोग एशा की नमाज के बाद तराबी पढ़ने में लग जाते हैं। 30 दिनों के रमजान में तराबी की शक्ल में हाफिजे कुरान कलाम पाक को पुरी एख खत्म पढ़कर सुनाते हैं ओर मुक्तदी खामोशी से उसके पीछे खड़े होकर सुनते हैं।
रमजान के मौके पर नमाज अदा करते मुस्लिम अकीदतमंद कब-तक चलता है तराबी
तराबी की नमाज दो - दो रिकात,20 रिकात पढ़ी जाती है जो लगातार 1 माह तक चलती रहती है। इस नमाज में रोजा रखने या ना रखने वाले बच्चे, बूढ़े ओर नौजवान मस्जिदो में उपस्थित होकर तराबी पढ़ते हैं। मौलाना हाफिज मोहम्मद उवैस रज़ा साहब के अनुसार इस्लाम के पांचवें स्तंभ में से एक रमजानुल मुबारक की फजीलत में बयान किया है कि एक नेकी के बदले 70 गुना नेकी का शबाब माह - ए - रमजान में मिलता है।इसी तरह कलामे पाक की एक हर्फ़ पढ़ने वाले ओर सुनने वालों को शबाब मिलता है। जिसको हासिल करने के लिए मर्द, मोमीन नौजवान ओर बच्चे मस्जिदो में ईसा की नमाज में जम जाते हैं। वही औरतें तराबी की नमाज को अपने घरों में अदा करती है। नमाज अदायगी की सबसे अधिक फजीलहत मस्जिद में अदा करने की होती है






