आपातकाल में बनी आवासीय योजना नहीं ले सकी मूर्त रुप:आवेदकों के साथ धोखा करने का लगा रहे आरोप
खैरथल अलवर (हीरालाल भूरानी)
स्थानीय नगरपालिका गठन के बाद चुने गए प्रथम बोर्ड अध्यक्ष की ओर से भूड़ावाली के नाम से पहचानी जाने वाली 88 बीघा जमीन पर इंदिरा गांधी नगर आवासीय योजना तो बनाई, लेकिन उस समय बोर्ड का कार्यकाल मात्र 3 वर्ष होने से गरीबों को आंशिक मूल्य पर भूखंड आवंटन होने से पहले ही बोर्ड को विदाई लेनी पड़ गई। दुर्भाग्यवश इसके बाद मतदाता सूची तैयार नहीं होने के बहाने चुनाव नहीं हुए और एसडीएम प्रशासक नियुक्त कर दिए और उक्त योजना में बड़ी संख्या में आवेदन पत्र के साथ जमा कराया गया भूखंड मूल्य भी आज तक संबंधितों को नहीं लौटाया गया है।
बाद में राजनीतिक कारणों से इस महत्वाकांक्षी योजना के आवेदन पत्र और पत्रावलियां ही दबा दी गई।उ इसन आवेदकों में से काफी स्वर्ग सिधार गए तो कुछ अभी जीवित है। भूखंड आवंटन कराने की मांग करते - करते वे हार मान कर चुप बैठ गए। अब उस भूमि पर पालिका व जिला प्रशासन की लापरवाही से अतिक्रमण कर लिया गया। सरकार के नगर नियोजन विभाग की ओर से सुनियोजित तरीके से कस्बों को विकसित करने के उद्देश्य से मास्टर प्लान बनवाया। नगरपालिका प्रशासन अपने दायित्वों का लैश मात्र भी निर्वहन नहीं कर पाए। नतीजतन आबादी को बसाने के लिए भू- माफिया ने वैध - अवैध तरीके से भूल - भुलैया जैसी कालोनियां बना कर मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ा कर रख दी। नगर नियोजन विभाग की ओर से वर्ष 2000 में खैरथल कस्बे का मास्टर प्लान 2021 तैयार किया था।
90 बी की कार्रवाई के बाद बसी 28 कालोनियां --
कृषि भूमि नियमनों को लचीला बनाने और 90 बी की कार्रवाई का अधिकार मिलने के बाद करीब 28 कालोनियां बसाई गई। जिनमें आनन्द नगर, जसोरिया कालोनी,गुरू नानक,सुरता, जनता,खिरगची,दांतला, आदर्श,जोगीवाड़ा, मुरली ,जाट, हनुमान पहाड़ी,राज कालोनी आदि का ले - आउट प्लान बनाया, जबकि मास्टर प्लान 2021 की अवधि को बढ़ा कर 2024 करने के साथ पेराफेरी कंट्रोल बेल्ट के तहत खैरथल की परिधि में वल्लभग्राम, नांगल मौजिया, नांगल संतोकड़ा,लाल पहाड़ी,मातौर,दांतला, अगवानी व किरवारी को शामिल किया है।2020 तक शहरी क्षेत्र 21 वर्ग किमी था,अब 25.09 वर्ग किमी हो गया। बस्तियों के ले आउट प्लानिंग में पट्टे आम रास्तों को 30 फिट चौड़ा रखते हुए दिए गए हैं। सार्वजनिक पार्क, सुलभ काम्प्लेक्स भी अनिवार्य किए हैं।
इनका कहना है --
इस संबंध में नगरपालिका खैरथल के अधिशासी अधिकारी आशुतोष आचार्य ने बताया कि मुझे इस योजना की कोई जानकारी नहीं है। संभवतः सरकार से योजना को स्वीकृति नहीं मिली होगी। फिर जानकारी कराएंगे।