किसानों को चंबल का पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे से गूंजा: रामगढ़ विधानसभा का अलावडा कस्बा
रामगढ़ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) चंबल नदी के पानी ईआरसीपी योजना को लागू कर रुपारेल नदी और घाट कैनाल में छोड़ किसानों को मिले इसके लिए चढूनी किसान यूनियन द्वारा पिछले कई वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके चढूनी किसान यूनियन द्वारा गांव गांव में किसान यूनियन बना आगामी 24 फ़रवरी को रामगढ उपखण्ड पर महा आंदोलन करने की तैयारी को लेकर आज बुधवार को ग्राम पंचायत भवन अलावड़ा पर बड़ी मीटिंग बुलाई गई। जिसमें अलावडा, तिलवाड, गुजरपुर, बरवाडा, सिरमोर, चिडवाई, मिलकपुर चौमा, ललावण्डी सहित अनेक गांवों के जागरूक किसान एकत्र हुए।
विशाल मीटिंग को संबोधित करते हुए चढूनी किसान यूनियन के प्रवक्ता विरेन्दर मोर ने संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में भाजपा की सरकार के समय वर्ष 2017 में राजस्थान दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इआरसीपी योजना लागू करने की घोषणा की थी। जिसके अंतर्गत चंबल नदी का पानी राजस्थान के 13 जिलों को मिलना था लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बदल जाने और केंद्र में भाजपा की सरकार बन जाने के कारण केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को राजस्थान में आज तक लागू नहीं किया गया है इस योजना के अंतर्गत 90% राशि केंद्र सरकार वहन करती और 10% राशि राज्य सरकार वहन करना था केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में राजस्थान के 13 जिलों के किसान सिंचाई के लिए पानी से वंचित है और भूमिगत जलस्तर प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है। और एआरसीपी योजना के अंतर्गत अलवर जिले के केवल जयसमंद बांध और औद्योगिक इकाइयों को शामिल किया गया है जिससे अलवर के किसानों को सिंचाई के लिए आप भी भूमिगत सिंचाई पर आश्रित रहना पड़ेगा और 1 दिन ऐसा आएगा कि भूमि में ही जल समाप्त हो जाएगा तब क्षेत्र के लोगों को ना सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और ना ही पीने के लिए पानी मिलेगा।
हमारी मांग है कि ईआरसीपी योजना को लागू कर चंबल नदी का पानी अलवर जिले के किसानों को उपलब्ध कराया जाए और चम्बल के पानी को जय सबंध बांध के साथ साथ रूपारेल नदी और घाट कैनाल बांध में छोड़ा जाए जिससे कि क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभ मिले।
इस अवसर सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सरपंच कमल चंद ने कहा कि ईआरसीपी योजना को लागू कर यदि चम्बल का पानी हम किसानों को मिलेगा तो हरियाणा और पंजाब की तरह राजस्थान का किसान भी समृद्ध होगा आज राजस्थान के किसानों को उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। हमारी किसी राजनीतिक पार्टी से कोई लड़ाई नहीं है हमारी तो यही मांग है कि ईआरसीपी योजना को लागू कर चंबल के पानी को रूपारेल नदी और घाट करनाल छोड़ जावे जिससे कि क्षेत्र के किसानों को लाभ मिले और जल स्तर पहले की भांति ऊपर आ जाए । मीटिंग में बैठे सभी किसानों ने एक आवाज से नारा लगाया और कहा किसानों के लिए पानी नहीं तो वोट नहीं।जो भी पार्टी किसानों की मांग का समर्थन नहीं करेगी उसका विरोध करेंगे।
मीटिंग को रिटायर्ड मास्टर गुरुबचन सिंह,जसमेर सिंह,किसान सम्राट से सम्मानित तिलवाड गांव के किसान सोहनलाल,चिड़वाई ग्राम पंचायत सरपंच सुरेश वर्मा,बरवाडा के दीपसिंह ने संबोधित किया। सभी की एक ही मांग थी कि सरकार ईआरसीपी योजना को लागू करे और चंबल का पानी रूपारेल नदी और घाट केनाल बांध में छोड़ा जाए। इस अवसर पर समाजसेवी ताहिर भाई अलावड़ा सरपंच जुम्मा खान वार्ड पंच असम खान, मिलकपुर पूर्व सरपंच रत्ती खां,पूर्व सरपंच गोपाल राजपूत, फजरु कण्डेक्टर, लीलाधर, सुब्बा पहलवान, रामजीलाल शर्मा सहित अनेक किसान मौजूद रहे।