रेलकर्मीयों ने प्रदर्शन कर रेल बचाओं देश बचाओं के नारे लगाए

Aug 12, 2020 - 01:13
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रेलकर्मीयों ने प्रदर्शन कर रेल बचाओं देश बचाओं के नारे लगाए

बयाना भरतपुर

बयाना 11 अगस्त। अंग्रेजो भारत छोडों क्रांतीदिवस के अवसर पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाॅयज यूनियन व आॅल इंडिया रेलवे फैडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में यहां के रेलवे परिसर व स्टेशन क्षेत्र में केन्द्र सरकार की मजदूर व रेलवे विरोधी नीतीयों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए रेलकर्मचारीयों व रेलवे श्रमिकों ने रेल बचाओं देश बचाओं के नारे लगाते हुए केन्द्र सरकार को कडी चेतावनी भी दी।यूनियन के शाखा सचिव हेमेन्द्र शर्मा के अनुसार केन्द्र सरकार अपनी जिद व तुष्टीकरण और अपने चहेते उधोगपतियों व पंूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए विश्व की सबसे बडी भारतीय रेलवे का बेवजह निजीकरण कर रही है। वहीं रेलवे मंे नई भर्तियों को बंद कर पहले से काम कर रहे कर्मचारीयो के लाखों पदों को भी धीरे धीरे समाप्त कर वर्षों से नौकरीयों की आश लगाए बैठे शिक्षित बेरोजगारों के जीवन के साथ खिलवाड कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर महिला रेल कर्मचारीयों के हितों व उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड व उत्पीडन करने के भी आरोप लगाते हुए रेलवे कर्मीयों के हित में पुरानी पेंशन स्कीम चालू करने, रेलवे का निजीकरण नही करने व पदोन्नत हुए ट्रैकमैनों के हितों व राष्ट्रीय श्रम कानूनों की पालना करने आदि की मांग की गई। इस दौरान यूनियन के अन्य नेताओं ने बताया की यह आंदोलन  देशभर में सभी जगह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण के बाद रेलयात्रीयों व आमजन का इतना शोषण होगा कि रेल यात्रा केवल धनाढ्य वर्ग के लोगों तक सीमित रह जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बडी भारतीय रेल व भारत सरकार के अन्य प्रमुख सरकारी उपक्रमों को एक एक कर प्राईवेट कम्पनीयों के हवाले करके देश को फिर से आर्थिक गुलामी में धकेलने की साजिश की जा रही है। जिसे रेलवे कर्मी कतई बर्दाश्त नही करेंगे।  प्रदर्शन में रेलवे की विभिन्न शाखाओं व उपविभागों के कार्मिकों सहित यूनियन के सदस्य नवलकिशोर, भरतमीणा, अमरसिंह, दिलीप, महेश, सतेन्द्र, ओमप्रकाश, राजाराम, राजकुमार, आदि भी शामिल रहे।

संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट

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