किचन गार्डन में ऑर्गेनिक सब्जियां तैयार करना आज की आवश्यकता

Apr 11, 2021 - 23:33
 0
किचन गार्डन में ऑर्गेनिक सब्जियां तैयार करना आज की आवश्यकता

कृषि क्षेत्र में आए बदलाव व व्यक्ति की अधिक मुनाफा कमाने की लालसा ने स्वयं मानव को खतरे में डाल दिया , अत्यधिक पैदावार तथा हरा चारा प्राप्त करने के लिए पशुपालक - किसान सर्वाधिक मात्रा में रासायनिक खाद , केमिकल्स का उपयोग कृषि फसलों में करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ मानव व पशु धन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ा। पेस्टीसाइड और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग करने से सोइल हेल्थ पर असर पड़ने के साथ मिट्टी में पाएं जाने वाले माइक्रो आर्गिनीज्म में कम हो जाते हैं , इसे फसल की प्राकृतिक हेल्थ प्रभावित होने के साथ फसलों के रक्षक जीव भी मर जाते हैं वही  प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ने लगा है।
पोली हाउस,  ग्रीन हाउस , ग्रीन नेट के साथ वर्तमान में सर्वाधिक फसल प्राप्त करने की कृषि पद्धतियों में रसायनों का अत्यधिक प्रयोग होने लगा, मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक फसलें पोली हाउस में तैयार की जा रही है , पोली हाउस में तैयार फसलों में सर्वाधिक सब्जी वाली फसलें , जिनमें खीरा , करेला , मिर्ची,  गोभी,  टमाटर जैसी मौसमी तथा गैर मौसम की फसलें तैयार की जाती,  जिनमें 10 से 15 गुना अधिक पेस्टिसाइड , कीटनाशकों का उपयोग किया जाने लगा,  जिससे फसल का स्वाद वह प्रकृति दोनों बदल गई , साथ ही मानव के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को प्रभावित करने लगी वही बहुत सारी जानलेवा बीमारियों का शरीर में प्रवेश करने का अंदेशा स्वाभाविक बना रहता है।
कृषि अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों के एक अध्ययन में पाया गया कि चारे वाली फसलों  पर पेस्टिसाइड का छिड़काव होने से पशुओं के शरीर तक कीटनाशक पहुंचने की आशंका होती हैं,  श्रीगंगानगर जिले में हुए शोध में पुष्टि हुई कि फसलों पर हुए रसायनों के छिड़काव का सीधा प्रभाव उन बच्चों पर भी पड़ता है जो मां का दूध पी रहे हैं,  पिछले दो दशक से बढ़ते पोली व  ग्रीनहाउसो  की संख्या के साथ रसायनों के सर्वाधिक प्रयोग से सब्जियों में पोषक तत्वों की भारी कमी आने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने के साथ-साथ  आगामी पीढ़ियों पर खतरा मंडराने लगा ।

फर्टिलाइजर के बढ़ते उपयोग से पंजाब , हरियाणा के बाद राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़,  बीकानेर में बड़े कैंसर रोगियों की संख्या के साथ ही अलवर ,जयपुर , सीकर सहित अनेक जिलों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। जो चिंता व्यक्त सुधार के लिए सोचने का विषय है।
वर्तमान में "बचाव ही उपाय " वाले सिद्धांत को अपनाते हुए व्यक्ति को स्वयं ऑर्गेनिक फसलों को बढ़ावा देने के साथ ही मोटे अनाज वाली फसलें जिनमें फर्टिलाइजर का बहुत कम उपयोग होता हो, जैसें बाजरा मक्का,   दलहन  के साथ किचन गार्डन में तैयार सब्जियों वाली फसलों का उपयोग करना बहुत जरूरी है ,  इससे व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकेगा ।   किचन गार्डन में तैयार ऑर्गेनिक सब्जियां शुद्ध होने के साथ उनमें सभी पौषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है जिससे किसी प्रकार की बिमारीयों के फैलने का कोई अंदेशा नहीं होने के साथ आगामी पीढ़ियों को सुरक्षित रखने में सहायक होंगी, आर्गेनिक फसलों में पौष्टिक तत्वों के पाये जाने से स्वादिष्ट भोजन भी प्राप्त कर सकेंगे व विभिन्न प्रकार की स्वास्थय से सम्बंधित समस्याओं से निजात पा सकेंगे।

 

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

एक्सप्रेस न्यूज़ डेस्क बुलंद आवाज के साथ निष्पक्ष व निर्भीक खबरे... आपको न्याय दिलाने के लिए आपकी आवाज बनेगी कलम की धार... आप भी अपने आस-पास घटित कोई भी सामाजिक घटना, राजनीतिक खबर हमे हमारी ई मेल आईडी GEXPRESSNEWS54@GMAIL.COM या वाट्सएप न 8094612000 पर भेज सकते है हम हर सम्भव प्रयास करेंगे आपकी खबर हमारे न्यूज पोर्टल पर साझा करें। हमारे चैनल GEXPRESSNEWS से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद................