कृषकों की आय को दोगुना करना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य - कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक
जयपुर,राजस्थान
कृृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को पंत कृृषि भवन में कृृषि एंव उद्यानिकी विभाग, बीज प्रमाणीकरण संस्था और राजस्थान राज्य बीज निगम की बैठक ली।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कृृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही केन्द्र प्रवर्तित योजनाऐं— प्रधानमंत्री कृृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृृषि विस्तार व तकनीकी मिशन, राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन, राष्ट्रीय कृृषि विकास योजना, राष्ट्रीय परम्परागत कृृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और पीएम-कुसुम योजना कम्पोनेन्ट 'बी' के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से फार्म पौण्ड़, सिंचाई पाईप लाईन, डिग्गी, बीज उत्पादन एवं मिनिकिट वितरण, मिलेट्स प्रोत्साहन और तारबंदी सम्बन्धी प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी ली।
कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग में नवीन जिलों के गठबंधन उपरांत अभियांत्रिकी संवर्ग के पदों के पुनर्गठन का अनुमोदन किया। अनुमोदन पश्चात अतिरिक्त मुख्य अभियंता/अतिरिक्त निदेशक के 20 अधीक्षण अभियंता/संयुक्त निदेशक के 57, अधिशाषी अभियंता/उप निदेशक के 190 और सहायक अभियंता के 581 पद होगें।
कृृषि मंत्री ने बताया कि संकल्प पत्र में तैयार 100 दिवसीय कार्य योजनाओं में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 1 हजार करोड़ रूपये फसल के नुकसान का आंकलन एवं राहत राशि का वितरण किया जायेगा, 500 कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना, पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत प्रदेश में मौजूद ट्यूब वैलों का सौर ऊर्जा द्वारा संचालन सुनिश्चित करने के लिए 5 हजार सोलर पम्प स्थापित किये जायेंगे, 27 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप एवं मिनि स्प्रिकंलर व 54 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में स्प्रिकंलर लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के कार्यो की शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिए सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्यो को पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से सम्पन्न करें।
डॉ. मीणा ने निर्देशित किया कि कृृषकों की आय को दोगुनी करने के लिए कृृषि के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाया जाए जिससे उनकी पैदावार में बढ़ोतरी होगी और फसलों का उचित मूल्य दिलवाया जायेगा, जिससे कृृषकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परम्परागत खेती के स्थान पर जैविक खेती पर जोर दिया जायेगा। इसके लिए विशेष कैम्प लगाकर कृषकों को जागरूक किया जायेगा।
मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स उत्पादों का उत्पादन व विपणन पर जोर दिया जायेगा। उन्होेंने कहा कि किसानों की समस्याओं को सुनने व समझने के लिए जल्द ही किसान यूनियनों की मिटिंग बुलाई जायेगी।
इस दौरान बैठक में कृृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी, कृृषि विभाग के आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी, उद्यानिकी विभाग के आयुक्त लक्ष्मण सिंह कुड़ी, संयुक्त शासन सचिव, कैलाश नारायण मीणा एवं राजस्थान राज्य बीज निगम के एम.डी. जसवंत सिंह सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।