आज मनाया गंगा सप्तमी का पर्व :क्यों लाभकारी माना गया है गंगा स्नान?
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) गंगा जयन्ती, गंगा सप्तमी का त्योहार 14 मई मंगलवार को आज मनाया गया। योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि को ही मां गंगा स्वर्ग लोक से निकलकर भगवान शिवशंकर की जटाओं में पहुंची थी। इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ल सप्तमी को मनाया जाने वाला 'गंगा सप्तमी' का पर्व देवी मां गंगा को समर्पित है। आज आस्थावान लोगों द्वारा गंगा पूजन किया गया। गंगा जयंती के रूप में मनाया गया।
मान्यतानुसार जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन वैशाख शुक्ल सप्तमी थी, जिसे गंगा जयंती या गंगा सप्तमी के नाम से जाना जाता है। और जिस दिन गंगा जी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ज्येष्ठ शुक्ल दशमी है। जो कि 'गंगा दशहरा' के नाम से जनमानस में बहुप्रचलित है। अत: इन दोनों ही तिथियों पर मां गंगा का पूजन किया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। गंगा सप्तमी पूजन करने वालों द्वारा आज दान पुण्य किया गया। गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से यश-सम्मान, रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होकर सभी पापों का नाश होता है। ज्योतिष के अनुसार मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को इस दिन गंगा पूजन से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
- कमलेश जैन