6 जुलाई शनिवार से शुरू होंगे गुप्त नवरात्रि
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ शनिवार 6 जुलाई से शुरु होगा।और इसका समापन सोमवार 15 जुलाई को होगा। गुप्त नवरात्रि 9 दिन नहीं बल्कि इस बार दस दिनों की है। माता रानी के भक्त गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि हिन्दू धर्म में गुप्त नवरात्रि का बहुत महत्व है। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की गुप्त तरीके से पूजा की जाती है। इस नवरात्रि में तंत्र साधना का भी महत्व है। इस दौरान 10 महाविद्याओं की साधना करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है । और मन की हर कामना पूरी होती है। तांत्रिक अपनी सिद्धिया तंत्र-मंत्र व यंत्र को इस नवरात्रि मे जाग्रत करते हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि इनकी शक्ति बढ़ाते हैं।
श्रद्धालु निराहार या फलादार रहकर मां दुर्गा की अराधना करगे। प्रतिपदा तिथि में घर व मंदिर में कलश स्थापना की जाएगी। आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि में इस बार गुप्त नवरात्रि में माता रानी की सवारी घोड़ा है। चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने के कारण गुप्त नवरात्रि 10 दिन तक चलेगी। 10 दिनों में माता दुर्गा की पूजा पूरी तांत्रिक विधि से गुप्त तरीके से की जाएगी। वहीं गुप्त नवरात्रि की शुरुआत के दिन अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है जो काफी शुभ है।
- (1 )नवरात्रि के पहले दिन विधि विधान के साथ घटस्थापना किया जाएगा। गुप्त नवरात्रि की घट स्थापन का शुभ मुहूर्त 06 जुलाई सुबह 05:11 मिनट से लेकर 07:26 मिनट तक कर सकते हैं।
- (2 )अभिजीत मुहूर्तअगर इस मुहूर्त में कलश स्थापन नहीं कर पाते हैं तो अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक कर लें। इन दो मुहूर्त में कलश स्थापन करना शुभ रहेगा
शनिवार को घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी
नवरात्रि में माता दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई शनिवार को होने से दिन के हिसाब से माता दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी लोक पर आएगी माना जाता है कि जब घोड़े पर सवार होकर माता दुर्गा आएंगी तो प्राकृतिक आपदा की आशंका होती है।