पीपल पूर्णिमा 23मई गुरुवार को, पीपल के पेड़ की पूजा मानी जाती है फलदायी
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) वैशाख पूर्णिमा 23 मई गुरुवार के दिन है। वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना बहुत फलदायी माना गया है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। वहीं बौद्ध धर्म की मान्यता के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन ही महात्मा बुद्ध, जिन्हें भगवान विष्णु का नौवां अवतार कहा जाता है, उनका जन्म हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा को पीपल की पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि 1. शास्त्रों के अनुसार पीपल पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी विराजमान होती हैं। इस दिन सुबह-सुबह पीपल के वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।2. पीपल पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से ग्रह और पितृ दोष से मुक्ति मिलने की भी मान्यता है।
3. हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत पूजनीय माना जाता है। साथ ही मान्यता है कि पीपल के पेड़ में तीनों देवताओं का वास होता है और वैशाख पूर्णिमा के खास दिन पर पीपल से जुड़े उपाय तथा पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।4. मांगलिक कार्यों को करने की दृष्टि से भी यह दिन बहुत महत्व रखता है। इस दिन शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि पीपल की पूजा की बाद सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन भी अबूझ सावे में शादी समारोह का आयोजन किया जाना शुभ माना गया है।
- कमलेश जैन