राम कथा शिव पुराण हवन यज्ञ व विशाल भंडारे के साथ हुआ समापन
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) तहसील क्षेत्र के निकटतम ग्राम जावली में 30 अप्रैल से चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों के पश्चात राम कथा शिव पुराण 2101 हवन कुंडीय यज्ञ के समापन के पश्चात विशाल भंडारे के साथ धार्मिक अनुष्ठानो का समापन मंगलवार को हुआ ।
जावली ग्राम में चल रहे 30 अप्रैल से धार्मिक अनुष्ठानों का समापन आज मंगलवार को संपन्न हो गया। कथा के समापन के हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने राम कथा एवं शिव पुराण का रस वादन किया हवन यज्ञ में आहुति डाली और आज प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।
धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन बाबा (मौनी) शोभानंद भारतीय के सानिध्य में आयोजन करवाया गया था। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को मौन रहते हुए लिखकर कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है।जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।
भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। समापन के दिन मंगलवार को विधिविधान से पूजा करवाई गई ।पूजन के बाद विशाल भंडारा लगाकर दूर दराज से आए साधु संत एवं धार्मिक लोगों सहित लाखों लोगों द्वारा प्रसादी ग्रहण की गई। आयोजन में आए हुए साधु संतों का सम्मान कर भेट देकर विदा किया।
- कमलेश जैन