सरस डेयरी के पूर्व चेयरमैन पर गड़बड़ी का आरोप: धर्म कांटे पर चिप लगाकर वाहन का वजन किया ज्यादा
अलवर सरस डेयरी प्लांट के दूध नापने वाले धर्म कांटे में चिप लगाकर रोजाना 1 से 2 लाख रुपए सरकारी घाटा देने का मामला पकड़ा है। यह खेल धर्म कांटे से जुड़ी टीम, टैंकर मालिक सहित कई अधिकारी व कर्मचारियों के बीच चल रहा था। सरस डेयरी के चेयरमैन विश्राम गुर्जर की शिकायत पर MD ने इसे पकड़ा है। मौजूदा चेयरमैन विश्राम ने पूर्व चेयरमैन बन्नाराम मीना पर आरोप लगाए हैं कि उसके जरिए लगे हुए कुछ कर्मचारी यह कारस्तानी करने में लगे हैं। अब उनको छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं बन्नाराम मीणा का कहना है कि उसका डेयरी से कोई लेना-देना नहीं है। सब झूठे आरोप हैं।
1 टैंकर में 25 हजार का दूध बढ़ा रहे, रोजाना 10 से 12 बड़े टैंकर आ रहे - चौंकाने वाली बात यह है कि चिप लगाकर वजन बढ़ाते थे। अभी एक टैंकर पकड़ा है। जिसमें करीब 25 हजार रुपए का दूध बढ़ा मिला। मतलब एक ही टैंकर से सरकार को 25 हजार का चूना लगाते थे। इस तरह रोजाना डेयरी में 10 से 12 बड़े टैंकर आते थे। यदि सबके जरिए यह खेल हो रहा था तो करीब 2 लाख रुपए चूना रोज लगता था। आधे टैंकरों में गड़बड़ी होती थी तो रोजाना 1 लाख रुपए का घोटाला होता था। यह पूरा भार सरकार पर पड़ता था। जिससे सरस डेयरी घाटे का सौदा बनी हुई है। अब मामले की जांच में असलियत का पता चलेगा।
MD ने कहा - चेयरमैन ने पकड़वाया - सरस डेयरी के एमडी नरेश विजय का कहना है कि यह गड़बड़ी डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने पकड़ी। उनकी शिकायत के बाद जांच हुई। जांच में साफ तौर पर पकड़ में आ गया कि कांटे में चिप लगी मिली। उसके जरिए टैंकर में एक बार में 480 किलो वजन बढ़ा देते थे। मतलब अगर टैंकर में 1 हजार लीटर दूध लेकर आते तो कांटे पर 1480 लीटर दूध नापा जाता। यही रिकॉर्ड में चढ़ता। फिर इसके अनुसार ही भुगतान कर दिया जाता। रोज सरस काे मोटी चपत लगती।
FIR के बाद जांच- एमडी ने कहा कि इस मामले में FIR दर्ज होगी। उसके बाद जांच होगी। जांच में संलिप्त पाए जाने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। किसी तरह की कौताही नहीं बरती जाएगी। असल में सरस डेयरी में डायरेक्टरों के बीच राजनीति चल रही है। 6 डायरेक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। वे मौजूदा चेयरमैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। लेकिन, चेयरमैन के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार साबित नहीं हो सका है। दूसरी तरफ मौजूदा चेयरमैन विश्राम गुर्जर पूर्व चेयरमैन बन्नाराम पर आरोप लगाते आ रहे हैं। उनके अनुसार पूर्व चेयरमैन के लोग डेयरी में काम करते हैं। वे पहले समय से गड़बड़ी करते आ रहे हैं। पिछले एमडी ने कुछ उनके पुराने लोगों को वापस डेयरी में लगा दिया। जिसके बाद गड़बड़ी होने लगी। यह सब उनके जरिए की गई कारस्तानी है। पूर्व चेयरमैन को भ्रष्टाचार के आरोप में पद भी गंवाना पड़ा था। जबकि पूर्व चेयरमैन बन्नाराम का कहना है कि उसका डेयरी से कोई लेना देना नहीं है।
- अनिल गुप्ता