तालवृक्ष रेंजर की तानाशाही खिलाफ ग्रामीण एक जुट, रेलिंग नहीं लगाई तो होगा आंदोलन

नारायणपुर (भारत कुमार शर्मा) उपखंड क्षेत्र के पर्यटक स्थल एवं माण्डव ऋषि की तपो भूमि तालवृक्ष में मंगलवार को वन विभाग के द्वारा वनखंडी महादेव मंदिर की रेलिंग उखाड़ ले जाने के विरोध में सभी समाज के लोग वराह भगवान मंदिर में एकत्रित हुए। जहां पहली वार्ता ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारीयों के बीच हुई। जिसमें बताया गया कि वनखंडी महादेव मंदिर वन क्षेत्र से बाहर है। लेकिन जिस तरह से वनविभाग के द्वारा तानाशाह कर प्राचीन काल के वनखंडी महादेव के मंदिर की रैलिंग उखाड़ने से हिन्दू धर्म की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाई गई है। यह मंदिर धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। जंगली जानवर सुअर आदि शिवलिंग पर चढ कर गंदगी करते थे जिसके लिए यह रेलिंग लगी हुई थी। लेकिन वन विभाग द्वारा रेलिंग को रेंज में ला कर जब्त किया गया है वह किस के तहत किया गया है। बीना सूचना नोटिस के यह कार्यवाही की है। मंदिर के विकास में कोई दखलंदाजी नहीं करें। जहां वन विभाग ने मंदिर के चारों तरफ लगी रेलिंग को उखाड़ ले गए। उसके बाद से क्षेत्र में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। जिसको लेकर मंदिर पुजारी ने वन विभाग के खिलाफ पुलिस थाने में परिवाद दिया है। तालवृक्ष के वन खंडी महादेव मंदिर का है। जहां प्राचीन शिव मंदिर के चारों ओर से लग रही रेलिंग को मंगलवार वन विभाग कर्मचारी उखाड़ ले गए थे।
मौका देखकर प्राचीन वनखंडी महादेव के मंदिर पर लग रही रेलिंग को तालवृक्ष रेंजर, फोरेस्टर और वन विभाग के कर्मचारी उखाड़ ले गए। पुजारी ने वन विभाग के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत की है। इससे पहले भी रामपुर के समीप 8 मई को मंदिर निर्माण को लेकर वन विभाग की टीम ओर ग्रामीणों के बीच विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है और एक और मंदिर की रैलिंग उखाड़ने का मामला सामने आया है। बता दें कि रामपुर के समीप सरिस्का वन क्षेत्र में बांस का कुआं पर दुर्गा माता मंदिर पर हॉल की छत का निर्माण किया जा रहा था। जिसको लेकर निर्माण कार्य रुकवाने गई विभाग की टीम और ग्रामीणों के बीच मारपीट हो गई थी। जिसको लेकर तीन वन कर्मी घायल हो गए थे जिसको लेकर विभाग ने 150 से ज्यादा ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया था। जिसका विवाद अभी चल रहा है।






