कंटीले तारों से घायल हिरण को प्राथमिक उपचार के बाद पहूंचाया रेस्क्यू सेंटर
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) धोरीमन्ना मे फसल को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर लगायी जा रही जाली व कंटीले तार हिरण की मौत का कारण बन जाते हैं।विचरते-विचरते हिरण बाङ वाले खेतों के पास भी आ जाते हैं और कुत्तों को अपनी ओर भागता देख ये दौङकर बचाव की कोशिश में कंटीले तार व जाली वाले खेतों में घुसने का प्रयास करते हैं इस दौरान जाली में फंस जाते हैं और घायल हो जाते यदि पीछे कुत्ते आ जाते हैं तो नोंच डाल देते हैं पर्यावरण प्रेमी जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि घायल हिरण को कुत्ते निशाना बना सकते हैं वरना हिरण की दौङने की शक्ति तेंदुऐ की तरह तेज होती है और वे कुत्तों के काबू नहीं आ सकते।कई बार दौङते हिरण को खेत में लगे कंटीले तार दूर से दिखाई नहीं देते और उनसे टकराकर घायल हो जाते हैं।जाली में टक्कर लगने पर गिरते ही हिरण के पीछे दौड़ रहे कुत्ते दो पल की देरी होते ही उसे पकङ लेते हैं।इस तरह घायल हिरण का रेस्क्यू कर पर्यावरण प्रेमियों ने प्राथमिक उपचार के बाद अपने निजी वाहन से मां अमृतादेवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान कातरला को सुपुर्द कर मानवता का परिचय दिया।