नाराज पहलवानों ने मथुरा-डीग मार्ग पर बहज गांव के पास किया चक्का जाम ,दंगल को मिट्टी के अखाड़े की बजाय गद्दे पर कराने का विरोध
डीग जिले में रियासत कालीन समय से हर वर्ष आयोजित होने वाले जवाहर प्रदर्शनी मेला और कुश्ती दंगल का आयोजन इस बार विवादों में आ गया है। प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने इस बार कुश्ती दंगल को मिट्टी के अखाड़े की बजाय गद्दे पर कराने का फैसला किया, जिससे नाराज स्थानीय पहलवानों ने मथुरा-डीग मार्ग पर बहज गांव के पास चक्का जाम कर दिया। नाराज पहलवान और ग्रामीण धरना देकर सड़कों पर बैठ गए, जिससे मथुरा सहित भरतपुर और डीग जिले से आवागमन ठप हो गया।
सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पहलवानों से समझाइश की, जिसके करीब डेढ़ घंटे के बाद जाम को खोला गया। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने बताया कि इस दंगल का आयोजन महाराजा जवाहर सिंह की याद में किया जाता है। दंगल के अंदर महाराजा जवाहर सिंह की एक भी फोटो नहीं है। हमारे यहां के देसी पहलवान मिट्टी में जांघिया से लड़ते हैं। हमारे यहां के देसी पहलवान गर्दन पर घुटना रख चित कर लड़ना जानते हैं। अबकी बार दंगल में पॉइंट की कुश्ती करवाई जा रही है। अगर प्रशासन को इस बार पॉइंट की कुश्ती करवानी थी तो, इसकी पहले से घोषणा करवानी चाहिए थी। पहलवानों ने बताया कि आज के दिन हमारे यहां खुला दंगल होता था। हमारे सभी रिश्तेदार दंगल देखने के लिए आते थे। आसपास के लोग सिर्फ यही देखने के लिए आते हैं कि हमारे इलाके में इस समय कौनसा पहलवान अच्छा हो रहा है। पॉइंट की कुश्ती होने के कारण इलाके के नामी पहलवान कुश्ती दंगल में भाग नहीं ले रहे हैं।
- कोशलेन्द्र दत्तात्रेय