टैंकर चालक ने बाइक को रौंदा, सीईटी परीक्षा देने जा रही ननद-भाभी की मौत
अलवर. अलवर-बहरोड़ मार्ग पर दशहरा मैदान के समीप शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे में ननद-भाभी की मौत हो गई। सीईटी (समान पात्रता परीक्षा) की परीक्षा देने जा रही थी। हादसे में बाइक चालक युवक और उसकी 9 माह की बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद भीड़ ने टैंकर चालक व खलासी को धुन दिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने टैंकर को जब्त कर आरोपी चालक-खलासी को गिरतार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार गांव टेहड़पुर निवासी शैलेन्द्र पुत्र गिर्राज सिंह शुक्रवार दोपहर अपनी पत्नी वीरमती (27) और बहन सरस्वती (23) को सीईटी के एग्जाम के लिए बाइक से छोड़ने जा रहा था। इस दौरान शैलेन्द्र की 9 माह की बच्ची भी साथ थी। रास्ते में अलवर-बहरोड़ मार्ग पर दशहरा मैदान के निकट पीछे से तेज रतार में आ रहे टैंकर से बाइक को पीछे से टक्कर मार दी।
100 मीटर तक बाइक को घसीटा : हादसा इतना भयानक था कि टैंकर बाइक को पहियों के नीचे रौंदते हुए चारों बाइक सवारों को करीब 100 मीटर तक घसीट ले गया। हादसे में वीरमती और सरस्वती की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, शैलेन्द्र और उसकी 9 माह की बच्ची वंशिका के दोनों पैर में फ्रैक्चर हो गया। हादसा देख आसपास के लोग दौड़े और चालक व परिचालक को केबिन से बाहर निकाल धुनाई कर दी। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। भीड़ ने आरोपी चालक-खलासी को पुलिस को सुपुर्द कर दिया। वहीं, मृतक व घायलों को तुरंत सामान्य अस्पताल पहुंचाया। उधर, शिवाजी पार्क थानाधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि टैंकर को जब्त करते हुए चालक गजेन्द्र पुत्र खचेरू जाटव निवासी टोडा थाना खोह-डीग और खलासी जोगेन्द्र पुत्र घीको जाटव निवासी सहनावली-भरतपुर को गिरतार कर लिया है। दोनों नशे में थे।
शहर में ड्यूटी दे रहा था हैडकांस्टेबल पिता : शैलेन्द्र के पिता गिर्राज सिंह अलवर ट्रैफिक पुलिस में हैडकांस्टेबल है। जब यह हादसा हुआ तो गिर्राज सिंह शहर में ही ड्यूटी दे रहे थे। गिर्राज की पुत्रवधू वीरवती और पुत्री सरस्वती दोनों ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। जब उन्हें हादसे का पता चला तो ड्यूटी छोड़ तुरंत मौके पर पहुंच गए। पुत्रवधू और पुत्री की मौत की घटना ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। परिजन अस्पताल में ही विलाप कर रहे थे। गिर्राज सिंह और उनके पुत्र शैलेन्द्र फूट-फूटकर कर रो रहे थे। साथी पुलिसकर्मी उन्हें ढांढस बंधाने में लगे रहे।