धरतेरस पर गोविंदगढ़ बाज़ार में दिखी चहल पहल से बढ़ी रौनक, सिक्कों और बर्तनों की डिमांड

Oct 29, 2024 - 18:21
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धरतेरस पर गोविंदगढ़ बाज़ार में दिखी चहल पहल से बढ़ी रौनक,  सिक्कों और बर्तनों की डिमांड

गोविंदगढ़ क्षेत्र में दीपोत्सव के पहले दिन धनतेरस को बाजारों में बड़े उत्साह के साथ खरीदारी की जा रही है। माना जाता है कि इस दिन खरीदार से घर में सुख समृद्धि आती है। ऐसे में लोग बर्तन, आभूषण, वाहन, प्राेपर्टी, कपड़ों आदि की खरीदारी करते हैं। धनतेरस को 'धनत्रयोदशी' के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस संस्कृत के दो शब्दों 'धन' और 'तेरस' से बना है । जिसका अर्थ है धन और 13वां दिन। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह त्योहार हिंदू कैलेंडर में कृष्ण पक्ष के 13वें दिन पड़ता है। धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीदारी के साथ-साथ बर्तन खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है।

कस्बे के बाजार में सवेरे से ही भीड़ है। लोग मुहूर्त देखकर अपने घर के लिए सामान खरीद रहे हैं। आज के दिन ही व्यापारी भी अपने लिए बहीखाते खरीदते हैं। दीपावली पर इनकी पूजा होती है। इसके बाद नए वित्तिय वर्ष से इनका उपयोग किया जाता है।

सबसे ज्यादा डिमांड सिक्कों और बर्तनों की समय के साथ भले ही मार्केट में कई नई वस्तुएं जुड़ गई हैं, लेकिन आज भी बाजार में सिक्कों और बर्तनों की डिमांड है। परंपरानुसार लोग आज के दिन सबसे अधिक सिक्के और बर्तन ही खरीदते हैं। लोगों ने बाजार में सोने-चांदी के सिक्के, स्टील, तांबे और पीतल के बर्तन खरीदे। कई लोगों ने मान्यतानुसार कांसे के बर्तन भी खरीदे।

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