नगर पालिका बोर्ड बैठक में झूठे प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग

Mar 20, 2025 - 18:29
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नगर पालिका बोर्ड बैठक में झूठे प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग

सादड़ी (बरकत खान) नगर पालिका सादड़ी मंडल की साधारण सभा बैठक 13 फरवरी 2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें बजट स्वीकृति और संशोधित लेखों के अनुमोदन का एकमात्र एजेंडा था। बैठक के बाद नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी की मिलीभगत से बोर्ड बैठक में चर्चा किए बिना ही झूठे प्रस्ताव पारित करने का आरोप लगाया गया है।

  • झूठे प्रस्तावों पर आपत्ति और निरस्तीकरण की मांग

1. विशाल भाटी की स्थायी नियुक्ति:
बैठक के दौरान विशाल भाटी को सहायक तकनीकी अभियंता (सर्वेयर कम ड्राफ्ट्समैन) के रूप में स्थायी नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया, जबकि इस विषय पर बोर्ड बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई थी। इस फर्जी प्रस्ताव को कानूनी रूप से अमान्य घोषित करने और इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

2. सफाई कर्मचारियों की पदोन्नति का विवाद:
बैठक के एजेंडे में दिलीप कुमार और मुकेश कुमार की पदोन्नति का कोई उल्लेख नहीं था, फिर भी इन्हें सफाई जमादार और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर पदोन्नत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसे भी बेबुनियाद और अवैध करार दिया गया है।

3. श्मशान भूमि आवंटन विवाद:
खसरा संख्या 1899 की 0.10 हैक्टेयर भूमि को जाट समाज को श्मशान हेतु आवंटित करने का प्रस्ताव पारित किया गया, जबकि इस भूमि पर पहले से एसटी मीणा समाज की महिला सीता पत्नी मांगीलाल का कब्जा है। पार्षदों ने इस प्रस्ताव को अवैध और भ्रामक बताते हुए निरस्त करने की मांग की है।

4. सरकारी भूमि आवंटन में गड़बड़ी:
खसरा संख्या 2207 (0.22 हैक्टेयर भूमि) के आवंटन को लेकर भी गंभीर आरोप लगे हैं। कहा गया है कि इस मामले में गैर-जिम्मेदाराना ढंग से प्रस्ताव पारित कर अनियमितता की गई।

भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप

बैठक की सूचना के अनुसार, यह बैठक 13 फरवरी 2025 को हुई थी, लेकिन इसके प्रस्तावों की कॉपी 1 महीने 4 दिन बाद प्राप्त हुई, जिससे भ्रष्टाचार और हेरफेर का स्पष्ट संकेत मिलता है। विरोध जताने वाले पार्षदों और नागरिकों ने मांग की है कि: झूठे प्रस्तावों को तुरंत खारिज किया जाए। गलत तरीके से प्रस्ताव पारित करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को खत्म करने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।

इस मामले ने नगर पालिका प्रशासन की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। नेता प्रतिपक्ष रेखराज मेवाड़ा ने बताया कि सादड़ी नगर पालिका में जो बोर्ड बैठक बुलाई गई उसमें ऐसे कोई प्रस्ताव नहीं लिए गए थे फिर जब एक महीने बाद बोर्ड बैठक के प्रस्ताव की कॉफी मिली तो पता चला कि ऐसे कोई प्रस्ताव नहीं लिए गए इस में कांग्रेस पार्षदों ने बोर्ड बैठक में लिए सभी प्रस्ताव निरस्त नहीं करने की मांग करी अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस पार्षद आंदोलन करेंगे।

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