सुहाग का पर्व, गणगौर महिलाओं ने धूमधाम से मनाया

लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन
कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में गणगौर का त्यौहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। होली के बाद दूसरे दिन से शुरू होने वाला यह गणगौर का त्यौहार अनोखी परंपराओं को सजोए हुए है। नव विवाहित व अविवाहित महिलाएं ने गणगौर की 16 दिन पूजा की। गणगौर के त्यौहार पर महिलाओ ने माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सुख सौभाग्य की कामना की। त्यौहार में ईशर को भगवान शिव व गणगौर को माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है।
कस्बे में विवाहित, नवविवाहित व अविवाहित महिलाओं ने गणगौर की इस पर्व को लेकर मान्यता है कि विवाहित व नव विवाहित महिलाएं अगर भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतीक ईशर और गणगौर की पूजा अर्चना करती हैं, तो उनके पति की उम्र लंबी होती है। वहीं अगर अविवाहित महिलाएं यह त्यौहार मनाती हैं, तो उन्हें भगवान शिव जैसा पति मिलता है।
आज 16वें दिन शाम को विधि-विधान के साथ कस्बे के प्रधान जी वाले मोहल्ले मे सामूहिक रूप से पूजन कर ज्योति खंडेलवाल प्रियंका शर्मा मोना शर्मा अंजली गुप्ता योगिता खंडेलवाल परी शर्मा आदि महिलाओं ने कस्बे के विभिन्न मोहल्ले में गणगौर की शाही सवारी निकाली गई।इसके बाद वृत्ति महिलाओं ने सूर्य अस्त के समय मिट्टी से बने ईशर और गणगौर को तालाब में बहा दिया गया।
इधर कस्बे में गणगौर की आकर्षक झांकियां आदर्श कला मंडल एवं सार्वजनिक पुस्तकालय के सौजन्य से नगर पालिका के सहयोग से निकाली गई।






