पेड़ों के कटने से पर्यावरण के साथ आजिविका को ख़तरा- मीणा
अलवर जिले की पंचायत समिति थानागाजी के उपखण्ड क्षेत्र थानागाजी व नारायणपुर में पिछले एक वर्ष से पेड़ों की कटाई जोरों से चल रही है, सायंकाल पांच बजे से देर रात तक ट्रैक्टरों में भर कर हरें पेड़ों को आरा मशीनों पर ठेकेदारों द्वारा नारायणपुर, पावटा, कोटपुतली ले जाया जा रहा है। पानी पेड़ पर्यावरण के संरक्षण को लेकर कार्य कर रहे एल पी एस विकास संस्थान के एक सर्वे के तहत् अकेले ग्राम पंचायत सालेटा से एक वर्ष में तीन सो पौधों पर आरी चली , जबकि यहां वन विभाग का रेंज आफिस भी नजदीक है, पंचायत समिति क्षेत्र से हरे पेड़ों की एक वर्ष में पच्चास से साठ हजार का कटान हुआं , पेड़ सरकारी (गै.पहाड, नदी नालों, वन भूमि, रास्तों) जमीन एवं खातेदारी की भूमी से काटे जा रहे हैं जबकि इनके स्थान पर दस प्रतिशत भी नहीं लगाएं गए। पेड़ों के बढ़ते अवैध व्यापार से पर्यावरण प्रदुषण बढ़ने, भूगर्भीय जल गिरने, वातावरण में शुष्कता बढ़ने के साथ पशुपालकों की आजीविका को ख़तरा पैदा होने के साथ वन्य जीवों का सुरक्षित रह पाना मुश्किल हो गया जो एक चिंता का विषय बना हुआ है , संस्थान के प्रकृति प्रेमी राम भरोस मीणा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सम्बन्धित विभाग व मानव समाज को मिल कर क्षेत्र से लकड़ी के अवैध व्यापार को रोकना होगा जिससे पशुपालकों की आजिविका के साथ वन्य जीवों को बचाया जा सके वहीं बिगड़ते पारिस्थितिकी तंत्र को पुनः अनुकूल बना सकें जिससे क्षेत्र को मानव निर्मित व प्राकृतिक आपदाओं से बचाया जा सके।