अंजू के पाकिस्तान जाने और वहां जाकर प्रेमी नसरूल्लाह से निकाह कर इस्लाम कबूल करने पर हिंदू संगठनों ने सोसायटी के आगे किया प्रदर्शन
भिवाड़ी,अलवर (मुकेश कुमार )
भिवाड़ी की रहने वाली अंजू के पाकिस्तान जाने और वहां जाकर प्रेमी नसरूल्लाह से निकाह कर इस्लाम कबूल करने पर हिंदू संगठनों ने सोसायटी के आगे प्रदर्शन किया। मामले को लेकर मंगलवार को अंजू और नसरूल्लाह के वीडियो और इस्लाम कबूल करने के दस्तावेज सामने आए, जो पाकिस्तान से रिलीज किए गए। दूसरी भिवाड़ी में अंजू का परिवार टेरा एलिगेंस सोसाइटी से सोमवार दोपहर को माइग्रेट कर गया।
अंजू के पति अरविंद अपने दोनों बच्चों को लेकर कहीं चला गया है, उसकी किसी को भी कोई सूचना नहीं है। वहीं इस विषय में ना तो स्थानीय पुलिस कुछ बता पा रही है और ना ही अन्य एजेंसियों के कोई अधिकारी कुछ बोल रहे हैं। वहीं अंजू का भाई डेविड भी एक महीने से अरविंद के पास रह रहा था। वह भी अपनी पत्नी को लेकर मध्यप्रदेश के ग्वालियर चला गया है, लेकिन अरविंद और उसके दो बच्चों का कुछ पता नहीं है।
इस पूरे मामले को लेकर मंगलवार को पाकिस्तान से अंजू का एक वीडियो आया और उसमें अंजू ने भारत आने की बात कही तो इसको लेकर भिवाड़ी के हिंदूवादी संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं।
बुधवार को टेरा एलिगेंस सोसाइटी के सामने भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता इसके विरोध में उतरे और सोसाइटी के सामने ही धरना प्रदर्शन करते हुए अंजू को किसी भी सूरत में भारत नहीं आने की नसीहत दे डाली। बीजेपी के जिला महामंत्री हर्ष यादव ने इस पूरे मामले में राज्य की गहलोत सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा की अंजू को पाकिस्तान तक पहुंचाने में राज्य सरकार का भी बहुत बड़ा हाथ है। राज्य की कांग्रेस सरकार इस समय फेल हो चुकी है और इसका कानूनी ढांचा भी बिगड़ चुका है।
पूरे मामले पर भिवाड़ी के यूआईटी सेक्टर 7 में रहने वाले अरविंद के चाचा छोटेलाल से दैनिक भास्कर ने बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए। अरविंद के चाचा ने बताया कि अरविंद और उसके परिवार से करीब बीते 15 सालों से उनका कोई संपर्क नहीं है। यहां तक कि अरविंद की पत्नी अंजू की वजह से उनका पूरा परिवार बिखर गया। अंजू अपने डिसीजन खुद लेती है वह ना पति की मानती है और ना घर में किसी दूसरे सदस्य की। करीब 15 साल पहले वह यूआईटी में ही मकान लेकर रह रहे थे लेकिन अंजू महंगे फ्लैटों में रहने की इच्छा रखती थी। जिसके कारण यूआईटी का मकान छोड़कर सोसाइटी में महंगा फ्लैट लेकर रहने लगी। वह एक प्राइवेट कंपनी में कहीं नौकरी करती है।
2 साल पहले उसने अपने फ्लैट में ही सोसाइटी के बच्चों को केयरटेकर के रूप में रखते हुए एक इंस्टिट्यूट भी चलाया था, लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं चला । बाद में उसने कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर ली। अरविंद अंजू के बीच किस तरह का तालमेल था, इसके विषय में वह ज्यादा कुछ नहीं बता सकते।
अरविंद का छोटा भाई मोनू भिवाड़ी के यूआईटी सेक्टर 7 में ही एक किराए का मकान लेकर रहता है। वह हरियाणा में एक निजी कंपनी में काम करता है लेकिन अंजू की वजह से अरविंद के छोटे भाई मोनू व अरविंद का तालमेल भी सही नहीं है। दोनों भाइयों के बीच भी काफी सालों से मनमुटाव चल रहा है और उन्हें आपस में मिले हुए कई साल बीत गए हैं। भिवाड़ी में रहते हुए भी अरविंद ना तो उनसे मिलने के लिए कभी आया और ना ही अपने भाई से तालमेल रखा।