अब वृद्धजनों का होगा विशेष उपचार एवं देखभाल
सीएमएचओ ने किया रामाश्रय वार्ड का निरीक्षण’: आरबीएम अस्पताल में ‘रामाश्रय‘ वार्ड में वृद्धजनों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था
भरतपुर जिले के सबसे बडे आरबीएम अस्पताल में अब वृद्धजनों की सेवा-सुश्रुषा एवं उपचार और बेहतर हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में संवेदनशील पहल कर सभी जिला अस्पतालों में वृद्धावस्था विशेषज्ञ इकाई (जीरियाट्रिक वार्ड एवं जीरियाट्रिक क्लिनिक) बनाए हैं। इन्हें ‘रामाश्रय‘ के नाम से जाना जाता है। जिनका बुधवार को डॉ0 गौरव कपूर सीएमएचओ एवं कार्यवाहक संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर एवं अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ0 बी0एल0मीणा ने निरीक्षण किया एवं भर्ती वृद्धजनों से बात कर सेवाओं के बारे में फीडबैक लिया। निरीक्षण के समय अधीक्षक कम प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ0 नगेन्द्र भदौरिया, योजना के नोडल अधिकारी डॉ0 हरीश शर्मा, रामाश्रय वार्ड के इंचार्ज डॉ0 प्रभुत्व गोयल, डॉ0 वीरेन्द्र डागुर एवं राममोहन जांगिड जिला कार्यक्रम समन्वयक आईईसी उपस्थित थे।
डॉ0 गौरव कपूर सीएमएचओ ने बताया कि प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से राजकीय अस्पतालों में आने वाले वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए आरबीएम अस्पताल में जीरियाट्रिक वार्ड की स्थापना की गई है। जिसमें अब वृद्धजनों को बेहतर एवं आसानी से उपचार मिल सकेगा एवं उचित देखभाल भी हो सकेगी। उन्हें अब इधर-उधर भटकना नहीं पडेगा।
वार्ड में ही मिलेगी विशेषज्ञ सेवाएं एवं जांच की सुविधा
डॉ0 नगेन्द्र भदौरिया अधीक्षक कम पीएमओ ने बताया कि डॉ0 हरीश शर्मा को योजना का नोडल अधिकारी एवं डॉ0 प्रभुत्व गोयल को वार्ड का नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन संभालेगा। इसके साथ ही वार्ड में रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध होंगी। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र किए जाएंगे तथा रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जाएगी। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है।
’यह सुविधाएं होंगी वृद्धजनों के लिए
डॉ0 प्रभुत्व गोयल जीरियाट्रिक वार्ड इंचार्ज ने बताया कि इन रामाश्रयों में वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। इन वार्डों में 10 फाउलर बैड होंगे। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर परदे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रैक्शन, पैल्विक ट्रैक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल हैं वार्ड में व्हील चेयर, ट्रोली, मेडिसिन कैबिनेट एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।
ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक
जीरियाट्रिक सेवाओं के जिला नोडल अधिकारी डॉ0 हरीश शर्मा ने बताया कि राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक की व्यवस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे और आसानी से उपचार मिल सके। यह क्लिनिक रामाश्रय क्लिनिक के नाम से जाने जाएंगे।
बटन दबाने पर मिलेंगी नर्सिंग सेवाएं
जीरियाट्रिक वार्ड में भर्ती वृद्धजनों को बेहतर एवं सुविधाजनक चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देष्य से प्रत्येक बैड के पास नर्सिंग अलाम सिस्टम लगाया गया है। ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को घंटी बजाकर बुला सके। बटन दबाने पर नर्सिंग स्टेषन पर अलार्म बजेगा एवं यह भी पता चल जाएगा कि किस बैड से बटन दबाया गया है जिससे नर्सिंग स्टाफ तुरंत उसी बैड पर अपनी सेवाएं देने पहुंच जाएगा।
---00---