लोकहित समिति ने भगवान् परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई
गुभाना (हरियाणा) गाँव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में लोकहित समिति ने भगवान् परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक ने कहा कि परशुराम जयंती हिंदू पंचाग के बैशाख महा की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है इसे परशुराम द्वादशी भी कहा जाता है अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है की इस दिन किए गए पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता अक्षय तृतीया से त्रेता युग का आरंभ माना जाता है इस दिन का विशेष महत्व है भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले अधिक लोग हैं मध्यकालीन के बाद जब से हिंदू धर्म कापुनुरोदार हुआ है तब से परशुराम जयंती का महत्व और अधिक बढ़ जाता है इस दिन उपवास के साथ-साथ जुलूस सत्संग का भी आयोजन किया जाता है ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम विष्णु जी के छठे अवतार के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे परशुराम ऋषि जगदंबिनी और रेणुका के पांच पुत्रों में से चौथ पुत्र थे परशुराम भगवान शिव के परम भक्त थे उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता था धार्मिक मान्यता और हिंदू धर्म के ग्रथों के अनुसार धरती पर राजाओं द्वारा अन्याय अर्थम पाप कार्यों का विनाश करने के लिए भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था इस अवसर पर सूबेदार मेजर सुरेश कुमार पहलवान रामकुमार सुदेश कौशिक सतबीर सिंह बलवान सिंह यते हरिओम आदि मौजूद रहे