एक ही परिवार से उठी तीन अर्थी: घूमने के लिए नवसारी गया था परिवार
4 लोग गुजरात में अरब सागर में डूबे
घटना की जानकारी मिलने के बाद ही पूरे गांव में शोक छा गया। जैसे ही मां और दोनों बेटों के शव गांव पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। घर से आसपास गांव वालों की भीड़ जमा हो गई। गमगीन माहौल में एक ही परिवार से तीन अर्थियां उठीं। मां सुशीला (35) और दोनों बेटे युवराज (20) और देशराज (18) की अंतिम यात्रा में सैंकडों की संख्या में गांव वाले शामिल हुए। जिसमें दोनों बेटों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं मां सुशीला का अलग चिंता पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं चौथी मृतक दुर्गा (17) का उसके गांव दूड़िया में अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार के काका शंकर राजपूत ने बताया कि 11 दिन पहले सभी लोग यहां से राजी खुशी गय थे। जिसमे भांजी दुर्गा राजपूत (15) अपने 9 वीं क्लास के एग्जाम देकर गई थी। साथ में भाई गोपाल राजपूत का बड़ा लड़का देशराज भी गया था। जब उन्हें बस स्टैंड पर बिठाकर आए तो सोचा नहीं था कि ये हादसा हो जाएगा। बच्चों के पिता गोपाल राजपूत ने बताया कि हम नवसारी कई बार जाकर आए हैं।
युवराज ने हाल में 12वीं की परीक्षा दी थी। इसके बाद वह छुट्टियां बिताने के लिए 15 दिन पहले अपनी फुफेरी बहन दुर्गा (17) निवासी दूधिया (आसींद, भीलवाड़ा) को लेकर गुजरात अपने पिता के पास गया था। रविवार को अवकाश के दिन गोपाल अपनी पत्नी सुशीला (35), दोनों बेटों युवराज, देशराज और भांजी दुर्गा को लेकर नवसारी के दांडी बीच पर पिकनिक मनाने गए थे। दोपहर में समुद्र में ज्वार की ऊंची लहर में युवराज, देशराज, सुशीला, दुर्गा और तीन अन्य लोग बह गए। कोस्ट गार्ड ने तुरंत 3 लोगों को बचा लिया। गोपाल के दोनों बेटे, पत्नी और भांजी समुद्र में डूब गए।
रविवार शाम 6 बजे नवसारी पुलिस से सूचना मिली थी कि समुद्र में जाने से चार लोग लापता हो गए। वे लाछुड़ा और दूधिया के रहने वाले हैं। रात तक उनके शव नहीं मिले थे। सोमवार सुबह जल्दी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। सुबह 4 बजे गोपाल सिंह की पत्नी सुशीला, सुबह 8 बजे देशराज, करीब 9 बजे बड़े बेटे युवराज और पौने 11 बजे भांजी दुर्गा के शव निकाले गए। हादसे के बाद पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से अन्य पर्यटकों को समुद्र तट से हटा दिया है। सूचना मिलते ही नवसारी जिला कलेक्टर भी दांडी बीच पर पहुंच गए थे।