भीषण गर्मी में रोज पहाड़ों में जाकर पक्षियों के लिए करते हैं दाना - पानी का इंतजाम
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
गर्मी में जहां आमजन धूप में बाहर निकलने से बचने के जतन करते हैं, वहीं कुछ समाजसेवी निःस्वार्थ भाव से भीषण गर्मी में रोजाना मानव व पशु पक्षी की में लगे हैं।
सिन्धी समाज खैरथल गांव के मुखी दिनेश रमेजा एवं आनंद नगर कालोनी खैरथल के पत्रकार हीरालाल भूरानी पिछले 10 वर्षों से पक्षियों के लिए पहाड़ों व खुले मैदान में पक्षियों के लिए दाना - पानी का इंतजाम करते हैं।मुखी दिनेश रमेजा ने बताया कि इससे पहले उनके पिता यह काम करते थे। उनके स्वर्गवास के बाद यह जिम्मेदारी उन्होंने संभाल ली। इसके तहत वह रोजाना सुबह 6 बजे पक्षियों के लिए सेजमल पहाड़ के पास दाना - पानी का इंतजाम करके आते हैं।
वहीं पत्रकार हीरालाल भूरानी ने बताया कि वैसे वे भी खैरथल गांव में रहते थे जब उन्होंने आनन्द नगर कालोनी में अपना निवास स्थान बनाया जो देव भूमि हनुमान पहाड़ी के पास है। जहां प्रातः मार्निंग वॉक करते हुए देखा कि वहां गर्मियों में पक्षियों को दाना - पानी के लिए व्याकुल देखा। इस पर निर्णय लिया कि इन बेजुबान पक्षियों के लिए निस्वार्थ भाव से सेवा करेंगे। इसके बाद वे इस काम में जुट गए।पशु पक्षियों के लिए हनुमान पहाड़ी के आसपास पक्षियों के लिए दाना, पानी, चुग्गा डालते हैं। ये भी पिछले आठ साल से सेवा कार्य कर रहे हैं।वे सुबह स्कूटी पर पानी की कैन व दाना ले जाते हैं तथा पहाड़ में बने सीमेंट के छोटे-छोटे कुंडों में पानी डालते हैं और जहां पक्षी आते हैं उसके आस-पास दाना डालते हैं।
विमांदित रामपत बारहों मास पिलाता है पानी -
समीपवर्ती ग्राम पड़ीसल की ढाणी का रहने वाला विमांदित रामपत लोगों को चिलचिलाती धूप में सड़क पर खड़ा होकर ठंडा पानी पिलाने की निःशुल्क सेवा दे रहे हैं।पड़ीसल - घाटला के बीच रेलवे के समानांतर खैरथल से अलवर जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर एक झौंपड़ी बनाकर उसमें मटके रख कर रामपत पूरे दिन रोड पर खड़े होकर आने जाने वाले राहगीरों को निःशुल्क पानी पिलाता है। कोई उसे रुपया पैसा देता है तो वह ले लेता है।रामपत करीब 12-13 साल से यह सेवा कर रहा है।वह पास की ढाणी से पानी लाकर झौंपड़ी में रखता है और आने जाने वालों को पानी पिलाता है। ये सिलसिला बारहों महीने चलता है।