जिला कलेक्टर ने रूपारेल बारा बीयर का किया निरीक्षण: नदी को पुनर्जीवित करने की कवायद

May 21, 2025 - 18:37
May 21, 2025 - 18:55
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जिला कलेक्टर ने रूपारेल बारा बीयर का किया निरीक्षण:  नदी को पुनर्जीवित करने की कवायद

अलवर (अनिल गुप्ता)  जिले में मानसून शुरू हो उससे पहले ही रूपारेल नदी को पुनर्जीवित करने की कवायद को लेकर अलवर जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला बुधवार को बारा बीयर रूपारेल नदी का निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण के दौरान उन्होंने  चैनल गेट सहित अन्य स्थानों पर जमा सिल्टिंग को हटाने, बहाव क्षेत्र पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने,सरकारी भूमि पर पौधरोपण करने तथा नदी के बहाव क्षेत्र में जलकुंभी की सफाई करने के जल संसाधन विभाग के अधिकारी को दिए निर्देश।
इस अवसर पर जिला कलैक्टर ने  बताया राजस्थान सरकार की नदी पुनर्जीवित करने की योजना है। जिसके चलते मानसून से पहले मौके का निरीक्षण किया गया। जहां नदी के बहाव क्षेत्र पर हो रहे अतिक्रमण, जमा सिल्टिंग को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया नदी के मुहाने तथा सरकारी जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा। वहीं समाजसेवी संस्था व नदी के पुनर्जीवित करने में सहयोग करने वाले लोगों का साथ भी लिया जाएगा।एक मीटिंग का आयोजन किया जाएगा।

रूपारेल नदी जल बटवारा को लेकर रियासत काल समय में दिल्ली में मामला चल रहा था। जहां पर अलवर के तत्कालीन महाराजा राजऋषि सवाई जय सिंह तथा भरतपुर के राजा कृष्ण सिंह के बीच समझौता हुआ। जहा अलवर  भरतपुर में नदी  पानी का बंटवारा हुआ। जिसकी याद में अलवर शहर में जय कृष्ण क्लब का निर्माण किया गया। 
अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से बहने वाली रूपा रेल नदी जो अलवर की एक गंगा नदी का रूप है। इसको निखारने, सवारने, और संरक्षण करने की महती आवश्यकता है।
रूपारेल नदी के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा सिल्टिंग को  हटाने के लिएअलवर जिला कलैक्टर रहे डॉक्टर जितेंद्र सोनी ने भी इसमें डी एमएफटी योजना से विकास कार्य कराए। गत वर्ष मानसून के समय में जयपुर से भी टीम ने आकर जयसमंद बांध तक निरीक्षण किया। कलैक्टर आर्तिका शुक्ला, तथा उपखंड अधिकारी अलवर प्रतीक चंद्रशेखर जूहिकर सिंचाई विभाग अधिशासी अभियंता संजय खत्री ने गत वर्ष वर्ष प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजें। प्रस्ताव के बाद भाजपा सरकार ने इस नदी को पुनर्जीवित करने तथा जयसमंद बांध में पूरा पानी पहुंचे इसके लिए बजट स्वीकृत किया है। जिसमें पानी बहाव नहर  पेटे को सीमेंटेड, तथा मुहाने पर पत्थर में तारों से पिचिंग की जाएगी।
गौरतलब रहे कि सुप्रीम कोर्ट के जल बहाव और स्त्रोतों पर निर्माण और बेचान रजिस्ट्री पर रोक के आदेशों के बावजूद जिले भर में जांच की जावे तो राजगढ़ क्षेत्र सहित अन्य इलाकों में जल बहाव क्षेत्रों, जलस्रोतों, नालों सहित अन्य प्रतिबंधित करोड़ों की भूमि पर भी भू-माफिया गिरोह द्वारा पक्के निर्माण कार्य बेचान के सनसनीखेज मामले प्रकाश में आ जाएंगे।

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