भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ा, आमजन बरतें एहतियात लू के चलते स्वास्थ्य विभाग ने की अपील, लू-तापघात से बचाव बेहद जरूरी

भरतपुर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) जिले में अत्यधिक गर्मी के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से विशेष एहतियात बरतने की अपील की है। इन दिनों बढ़ रही अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से आमजन चपेट में आ सकते हैं, खासकर हाईरिस्क वाले लोगों को ख्याल रखने की जरूरत है। गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष सावधानी बरतने की विभाग ने निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गौरव कपूर ने सभी अस्पतालों में रोगियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने केे निर्देश पूर्व में दिए हैं, उन्हें एक बार फिर से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढऩा, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण, लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। उन्होंने बताया कि रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे, रोगी को होश मे आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पन्ना दें। उन्होंने बताया कि यदि उक्त सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जायें ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
डॉ. असित श्रीवास्तव ने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें और बिना भोजन किए घर से बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। उन्होंने बताया कि रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें, गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं पेय पदार्थाे जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। लू तापघात से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं।






