करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिला घाट कैनाल का पानी

Jul 6, 2024 - 19:25
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करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिला घाट कैनाल का पानी

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/कमलेश जैन ) पिछले 20 वर्षों से 37 करोड रुपए खर्च करने के बाद भी लक्ष्मणगढ़ व कठूमर तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के किसानों की जीवन दायिनी माने जाने वाली घाट कैनाल पिकअप जो कि क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक बांधों में पानी भरने वाली 20 वर्षों के अधिक समय से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। पूर्व में घाट कैनाल पिकअप वियर से लक्ष्मणगढ़ व कठूमर के दर्जनभर से अधिक गांवों के बांधों में पानी पहुंचता था। लेकिन बांधों में पानी पहुंचाने वाली नहरों पर अतिक्रमण व नहरों के क्षतिग्रस्त होने के चलते घाट कैनाल का पानी लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र को मिलना बंद हो गया।  घाट कैनाल में आने वाला पानी सीधा भरतपुर जाने लगा। सन् 2012 में घाट कैनाल पिकअप वियर की मरम्मत व लक्ष्मणगढ़ के बांधों में पानी पहुंचाने वाली नहरों की मरम्मत व नवीनीकरण के लिए करीब 37 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। उसके बाद पिकअप वियर का नवीनीकरण व कुछ नहरों का निर्माण सिंचाई विभाग की ओर से करवाया गया था। लेकिन निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार व आधे अधूरे निर्माण के चलते घाट कैनाल का पानी लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में नहीं पहुंच रहा है।

पूर्व में राजगढ़ लक्ष्मण क्षेत्र के विधायक जोहरी लाल मीणा की ओर से भी विधायक कोटे से करोडों की राशि से नहरों का निर्माण करवाया था, लेकिन फिर भी पिछले बरसात के सीजन में भी लक्ष्मणगढ़ के बांधों में बूंद भी पानी नहीं मिल पाया। करोड़ों खर्च होने के बाद भी पानी नहीं मिलने से क्षेत्र का किसान खेती के लिए पानी के अभाव में जूझ रहा है।  अधिकांश बोरिंग सूख गई है। लक्ष्मणगढ़ तहसील क्षेत्र की घाट कैनाल पिकअप बियर से तहसील क्षेत्र ही नहीं कठूमर क्षेत्र को भी इसका पानी मिलता था।
 नटनी के बारां से रूपारेल नदीं से आना वाला पानी घाट स्थित कैनाल में आकर रुकता है। यहां से एक मोरी के जरिए पानी लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र की मोरी से दर्जनों बांधों में पानी पहुंचता है। शेष पानी भरतपुर को निकल जाता है, जो घाट गांव स्थित कैनाल से भरतपुर व लक्ष्मणगढ़ को पानी मिल रहा है। वही आगे चलकर चंद्रा माइनर से दो नहरों में पानी बट जाता है ।
घाट से चंद्रा का माइनर तक एक ही नहर में पानी पहुंचता है। यहां से नहर दो हिस्सों में बट जाती है। एक नहर जावली व दूसरी नहर मौजपुर व लक्ष्मणगढ़ के बांधों में पानी पहुंचाती है, लेनि ये दोनों ही नहरे सूखी पड़ी है।

लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के किसानों ने घाट कैनाल के पानी को लेकर कई बार आंदोलन किया, हर चुनाव में नेता घाट कैनाल के पानी का वायदा करते हैं। लेकिन काफी आंदोलन व विरोध प्रदर्शन तथा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से समस्या से अवगत कराने के बाद भीआज तक घाट कैनाल का पानी लक्ष्मणगढ़़ क्षेत्र के बांधों को नहीं मिला है।
 क्षेत्र का जलस्तर ढ़ाई दशक से बांधों में पानी नहीं पहुंचने के कारण लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में दिनों दिन जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है। ऐसे में किसान खुद के भविष्य के लिए काफी चिंतित हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सालों में फसल सिंचाई के लिए बोरिंगों में भी पानी उपलब्ध नहीं होगा। फसल के लिए पानी के अभाव में यहां स्थिति भयानक बनी हुई है।
ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष पटेल राजवीर चौधरी का कहना है कि गत 20 वर्षों के अधिक समय से  घाट कैनाल का पानी क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल रहा है। किसान जगह-जगह बोरिंग कर आर्थिक नुकसान उठा रहा है।

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