भीलवाड़ा द्वारा सेवा एवं पर्यावरण पखवाड़ा के तहत बच्चों को वृक्षारोपण कर धरती मां का फिर से हर- श्रृंगार करने का दिलाया संकल्प
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) प्रांत द्वारा निर्देशित सेवा एवं पर्यावरण पखवाड़ा 2024 (27 जून 2024 से 10 जुलाई 2024) के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद शाखा भीलवाड़ा द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ शाखा की मातृशक्ति द्वारा पीपल का पेड़ लगाकर किया गया। स्थानीय अंबेडकर नगर स्थित घुमंतू जाति छात्रावास परिसर में शाखा द्वारा 11 पौधे लगाए गए मय ट्रिगार्ड लगवाए, पर्यावरण प्रमुख संजय राठी, पर्यावरण सह प्रमुख राकेश तिवारी के नेतृत्व में पौधारोपण किया गय। 21 छात्रों द्वारा 11 पौधे लगाए गए, दो दो छात्रों ने मिलकर एक-एक पौधा लगाया एवं उनकी देखरेख का संकल्प लिया।
शाखा के वरिष्ठ सदस्य एवं राजस्थान मध्य प्रांत अध्यक्ष गोविंद सोडाणी द्वारा वंदे मातरम और श्री राम के भजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। गोविंद सोडाणी द्वारा बच्चों को कपड़े के थैंले वितरित किए गए और उनका महत्व बताया गया और बच्चों को कहां की वे अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी इस प्रकार कपड़े के थैंले उपयोग में लेने के लिए कहे जिससे हम प्लास्टिक की थैलियां के उपयोग से बचेंगे और पर्यावरण प्रदूषण को कम कर पाएंगे|
कार्यक्रम में बच्चों के मनोरंजन के लिए महिला संयोजिका अनु हिम्मत राम एवं आशा काबरा ने बच्चों को खेल प्रतियोगिता करवाई जिससे बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास हो सके| कार्यक्रम की अगली कड़ी में शाखा सदस्य शिखा अग्रवाल ने बच्चों को एक कविता द्वारा बहुत ही आकर्षक तरीके से धरती का श्रंगार करने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के बारे में बताया और कविता के माध्यम से प्रदूषण न करने का और एक व्यक्ति एक पौधा लगाने का संकल्प भी करवाया और साथ ही यह भी बताया की किस तरीके से प्रदूषण, प्लास्टिक सामान और दूषित पानी मनुष्य और अन्य प्रजातियों के लिए हानिकारक है|
बच्चों को 21 जोड़ी स्पोर्ट्स शूज वितरित किए गए| सेवा कार्य के तहत कार्यक्रम का समापन बच्चों को शाम का भोजन करवा कर किया गया|
कार्यक्रम में राजस्थान मध्यप्रांत संयुक्त महासचिव रजनीकांत आचार्य, शाखा अध्यक्ष बालमुकुंद डाड, शाखा सचिव गिरीश अग्रवाल ,शाखा वित्त सचिव भेरूलाल अजमेरा ,शाखा सदस्य ओमप्रकाश जागेटिया, आदर्श विद्या मंदिर के कैलाश सराफ एवं नंदकिशोर शर्मा और घुमंतू छात्रावास के गणेश सुथार एवं विशाल गुरुजी उपस्थित रहे।