भाई बहन के अटूट प्रेम के रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन आज उत्साह से मनाया
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
सावन माह की पूर्णिमा के दिन भाई बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन आज सोमवार को दोपहर बाद शुभ मुहूर्त में मनाया गया। सावन माह की पूर्णिमा तिथि के बाद भाद्रपद माह की शुरुआत भी हो गई है।
उपखंड क्षेत्र में रक्षाबंधन के त्योहार को बड़े ही हर्षोल्लास उत्साह के साथ मनाया गया। रक्षाबंधन पर्व को रिश्तों में मिठास, विश्वास और प्रेम बढ़ाने वाला पर्व माना जाता है। बहनों ने भाईयो की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र एवं उन्नति की कामना की। इस दौरान भाईयो द्वारा बहनों को रक्षा का वचन दिया गया। रक्षाबंधन पर्व को भाई-बहन के उम्मीद का बंधन रक्षा का संकल्प विश्वास का पर्व प्रेम का प्रतीक माना गया है।
आज ही सावन का आखिरी सोमवार व्रत भी होने से इस दौरान कई शुभ योग भी बने जिससे राखी के पर्व को बेहद खास बना दिया राखी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग का निर्माण हुआ योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार के अनुसार इन योग में राखी बांधने से भाई की तरक्की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
यह त्यौहार राजस्थान ही नहीं देश की कई संस्कृतियों में बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि भाई-बहनों के बीच कर्तव्य और प्रेम की अवधारणा सार्वभौमिक है। त्यौहार के दिन भाई-बहन अपने परिवार के साथ इकट्ठे हुए एवं बहनो ने सुरक्षा के प्रतीक रूप में राखी (धागे) बांधे है।
रक्षाबंधन - एक मानसून त्योहार
रक्षाबंधन एक मानसूनी त्यौहार है, जिसका एक गहरा अर्थ है। बारिश का मौसम जीवन की सारी गंदगी और उलझनों को मिटा देता है। यह मौसम हमें समृद्धि और जीवन का भरपूर आनंद लेने की एक नई उम्मीद देता है। इसीलिए भाई-बहनों के बीच प्यार के अटूट बंधन और सौभाग्य के आगमन का जश्न मनाने के लिए श्रावण मास को पवित्र माना गया है।