पितृ पक्ष की शुरुआत: 17 सितंबर से प्रारम्भ होंगे तर्पण और श्राद्ध कर्म
पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है।और यह आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक चलते है। पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से शुरू हो रहे हैं।जो 02 अक्टूबर तक रहने वाले हैं। दौरान लोग अपने पितरों के निमित्त आश्विन कृष्ण पक्ष में तर्पण और श्राद्ध कर्म आदि करते हैं।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि हिंदू धर्म में पितृ पक्ष की अवधि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवधि में पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान आदि करने का विधान है। माना जाता है कि इससे उन्हें तृप्ति मिलती है । और वह हमें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसको श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
पितृ पक्ष लगभग 15 दिन की अवधि होती है। जिसमें लोग अपने पूर्वजों को भोजन अर्पण आदि कर उन्हें श्रधांजलि देते हैं। माना जाता है कि इस समय पितृ, पितृलोक से धरती पर आते हैं। देखा जाए तो यह पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम समय माना गया है। वहीं अगर कोई व्यक्ति पितृ दोष से परेशान है, तो पितृ पक्ष में वह इससे छुटकारा पाने के उपाय भी कर सकता है, जो लाभकारी साबित होते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
पितृ पक्ष के दौरान कई तरह के नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है। साथ ही इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही भी होती है। नए कपड़े, वाहन, जमीन आदि खरीदना और शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, उपनयन संस्कार आदि करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को तामसिक भोजन से भी दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस अवधि में किसी भी तरह के नए बिजनेस की शुरुआत करना भी शुभ नहीं माना जाता।
- कमलेश जैन