बच्चो ने जीता बाल पंचायत चुनाव ग्रामवासियों ने मनाया जश्न
थानागाजी (संवाददाता रितीक शर्मा) कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के द्वारा बाल मित्र ग्राम सालेटा, चुरानी, नागलबानी, डेरा, गढ़ी और चांदपुरी में बाल पंचायत के चुनाव करवाए गए। सालेटा से बाल सरपंच साहिल कुमार, नागलबानी से निधि प्रजापत, झाकड़ी से किरोड़ी मीणा, डेरा से राहुल प्रजापत, चांदपुरी से मनोज प्रजापत, गढ़ी से मोनिका गुर्जर तथा चुरानी से दिलशान मीना चुने गए। चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई तथा बच्चो ने प्रत्यक्ष रूप से वोट डालकर के किया। इस दौरान ग्राम सालेटा में ग्राम पंचायत पूर्व उपसरपंच ने चुनी हुई बाल पंचायत को बधाई देने के साथ साथ 12 वी कक्षा उत्तीर्ण के बाद बीएसटीसी में काउंसलिंग करवाने वाले बच्चो की फीस भरने तथा अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले बच्चे की पूरी साल की फीस देने की घोषणा की तथा साथ ही ग्राम वासियों ने मिलकर चुनी हुई बाल पंचायत को खुली गाड़ी में खड़ा करके रोली मोली और माला पहनाकर रैली निकालते हुए जश्न मनाया इस दौरान गांव के सामाजिक कार्यकर्ता और बीएमजी सदस्य दिनदयाल प्रजापति, पवन कुमार, हेमराज सहित गांव के स्टेक होल्डर्स उपस्थित रहे।
गढ़ी में ग्राम सरपंच मातादीन गुर्जर ने बताया की बच्चो में बाल पंचायत का इतना जोश दिखा की अभिभावकों को लेकर मेरे पास पहुंच गए और अपने लिए वोट मांगने लगे। लेकिन इस दौरान किसी भी बच्चे ने जातिवाद या अन्य प्रलोभन की बात नही की बल्कि अपना अपना विकाश का एजेंडा बता रहे थे। इससे महसूस होता है की आगे चलकर यह बच्चे एक स्वस्थ राजनीति करेंगे तथा अपने साथ साथ सभी के अधिकारो की रक्षा का जिम्मा लेंगे। चुनी हुई बाल पंचायत को बाल पंचायत चुनाव आयोग के द्वारा गोनियता की शपथ दिलाने के साथ साथ निर्वाचित प्रमाण पत्र जारी किए। इस दौरान सालेटा से प्रधानाचार्य रेणु मीना, झाकड़ी से तेजप्रकाश शर्मा, चुरानी से रिछपाल मीना, डेरा से गिर्राज प्रसाद शर्मा, चांदपुरी से भगवान सहाय एवम् नागलबानी से भगवती मीना, किशोर सिंह एवम् युवा मंडल युवा मंडल एवम् अन्य ग्रामीणों के साथ साथ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
क्या है बाल पंचायत की चुनाव प्रक्रिया: बच्चो की इस पंचायत को पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से किया जाता है बाल पंचायत के चुनाव से 15 दिन पूर्व पहले गांव में चुनाव आयोग का गठन किया गया तथा बाद में चुनाव आयोग ने प्रताक्षियो को चुनाव चिन्ह आवंटन किया। चिन्ह प्राप्त होने पर बच्चो ने अपना प्रचार प्रसार किया और फिर एक दिन पूर्व सभी बच्चो को मातप्रची दी जाती है इस मतपर्ची को लेकर बच्चा पोलिंग बूथ पर जाता है जहां पर वोटर लिस्ट से पर्ची का मिलान किया जाकर बच्चे से हस्ताक्षर करवाया जाता है और उंगली पर स्याही लगाई जाती है उसके बाद बच्चा अपने बैलेट पेपर के माध्यम से मतपेटी में वोट डाला जाता है।
कार्यकारणी का गठन: बाल पंचायत में 11 बच्चो की कार्यकारणी का गठन किया जाता है जिसकी प्रमुख विशेषता यह है की कोई भी बच्चा चुनाव हारता नही है। बल्कि सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाला बाल सरपंच और इसके बाद वाला बाल उपसरपंच नियुक्त होता है बाकी सब क्रम से मंत्रिमंडल और सदस्य बनाए जाते है।