सात साल बाद भी श्रमिकों की बेटियों को राहत का इंतजार, शादी के लिए 55 हजार रूपए देने की योजना शुरू की थी सरकार ने

Dec 2, 2024 - 22:19
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सात साल बाद भी श्रमिकों की बेटियों को राहत का इंतजार, शादी के लिए 55 हजार रूपए देने की योजना शुरू की थी सरकार ने
प्रतीतात्मक फोटो

खैरथल ( हीरालाल भूरानी) 
    राजस्थान सरकार बेटियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। योजनाओं का लाभ सुचारू रूप से मिलने के दावे भी किए जाते हैं, लेकिन यह दावे शुभ शक्ति योजना की स्थिति देखकर खोखले साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार ने श्रम विभाग के माध्यम से शुभ शक्ति योजना के तहत श्रमिकों की बेटियों को शादी के लिए 55 हजार रूपए देने की योजना शुरू की थी, लेकिन पिछले 7 वर्ष से इस योजना के तहत आवेदन करने वाले श्रमिक की बेटी को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पा रही है। जिला स्तर पर कुछ आवेदन तो स्वीकृत किये गये और बाकी पेंडिग मे डाल रखे है उनको स्वीकृत करने की मंशा भी विभाग की लगती नहीं है ऐसे में यह योजना खैरथल तिजारा अलवर जिले में महज दिखावा साबित हो रही है। अब सरकार परिवर्तन होने के साथ ही इन आवेदनकर्ताओं को उम्मीद है कि अब प्रोत्साहन राशि मिल सकेगी। वहीं ऐसे में करोड़ों रूपए श्रमिकों की बेटियों का अटका हुआ है। श्रमिकों को बाजार से ऋण लेकर बच्चियों के हाथ पीले करने पड़ रहे है। बजट की कमी से अटकी योजना शुभ शक्ति योजना के तहत श्रमिकों ने अपनी बेटियों के पीले हाथ करने के लिए आवेदन किया है, लेकिन 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस योजना का श्रमिकों को लाभ नहीं मिल पाया है। इसके लिए श्रमिक  आए दिन श्रम विभाग के चक्कर  काट रहे हैं, लेकिन हर बार उनको  बजट की कमी बताकर टरका दिया जाता है। सात साल से योजना में एक रूपए का भी बजट नहीं आया है। - सूत्रों ने बताया कि योजना में बजट उच्च स्तर से ही नहीं आ रहा है। - जिला मुख्यालय से योजना संबंधी कोई काम लम्बित नहीं है। इसके बाद भी श्रमिकों की बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
खैरथल-तिजारा जिला हैडक्वाटर पर श्रम विभाग का आफिस नही-
      दूसरी ओर श्रम यूनीयन खैरथल से जुड़े जीतेंदर जीतू का कहना है कि नये जिले खैरथल मे श्रम विभाग का आफिस खोलना ही भूल गई है सरकार आज भी अपनी छोटी मोटी समस्या के लिए श्रमिकों को अलवर जाना पड़ता है और अपना पैसा और समय बर्बाद करना पड़ता है रोज रोज श्रमिक अलवर के चक्कर लगा नहीं पता और उसके आवेदन पेंडिग ही पड़े रहते है विभाग भी खैरथल - तिजारा के श्रमिक को अलवर ही बुलाता है लोग परेशान होते हैं जिला प्रसाशन को एक श्रम अधिकारी तो कम से कम खैरथल जिला हैडक्वाटर पर बिठाना चाहिए जिससे श्रमिकों की छोटी छोटी समस्याओं का हल हो सके या फिर श्रमिक समस्याओ के निराकरण के लिए खैरथल जिला हैडक्वाटर पर शिविर लगाना चाहिए जिससे राहत मिल सके

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