ई-केवाईसी और एलपीजी मैपिंग नहीं कराने पर होगी कार्रवाई
राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। खाद्य मंत्री सुमित गोदारा और प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित जिला रसद अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सभी खाद्य सुरक्षा परिवारों की शत-प्रतिशत ई-केवाईसी आधार सिडिंग और एलपीजी आई-मैपिंग को अनिवार्य बताया गया।
मंत्री ने निर्देश दिया कि 31 दिसंबर 2024 तक सभी लाभार्थियों की ई-केवाईसी और एलपीजी आई-मैपिंग पूरी की जाए। जो उपभोक्ता इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से अलग करने की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री सुमित गोदारा ने कहा- इस कदम का उद्देश्य योजना के लाभ वास्तविक जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाना और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। सभी उपभोक्ताओं से अपील है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी और एलपीजी मैपिंग प्रक्रिया पूरी करें, ताकि वे योजना के लाभ से वंचित न हों।
- अपात्र परिवारों पर होगी सख्त कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्र परिवारों को स्वैच्छा से हटने का अवसर दिया गया है। वे 31 जनवरी 2025 तक जिला रसद कार्यालय या उपखंड अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर योजना से बाहर हो सकते हैं। यदि इस अवधि के बाद कोई परिवार अपात्र पाया जाता है, तो नियमानुसार वसूली की जाएगी।
- अपात्र परिवारों की परिभाषा आदेश के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों के परिवार अपात्र माने जाएंगे-
- सरकारी/अर्द्धसरकारी कर्मचारी
- चौपहिया वाहन धारक
- एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले
- आयकर दाता
- लघु सीमा से अधिक भूमि रखने वाले काश्तकार