खैरथल नगर परिषद में नहीं जोड़े गांवों में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
45 वार्डों में होगी 65682 जनसंख्या, परिसीमन रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) नगर परिषद खैरथल के नए परिसीमन की रिपोर्ट तैयार कर जिला कलेक्टर को सौंप दी गई है। इस नए परिसीमन के तहत नगर परिषद की जनसंख्या 28298 से बढ़कर 65682 हो जाएगी, जिसमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 21353, अनुसूचित जनजाति की 123 और सामान्य वर्ग की 44206 होगी। परिसीमन के बाद अब नगर परिषद में कुल 45 वार्ड होंगे, जिनमें प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या 1460 निर्धारित की गई है। नगर परिषद अधिनियम के तहत इसमें 15% की कमी या वृद्धि हो सकती है। परिसीमन की रिपोर्ट का प्रारूप 28 मार्च को नगर परिषद कार्यालय में प्रकाशित की गई, जिसके बाद नागरिक अपनी आपत्तियां दर्ज कर सकेंगे। हालांकि, परिसीमन को लेकर पहले ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
- परिसीमन में गांवों की अनदेखी, ग्रामीणों में आक्रोश-
परिसीमन के दौरान नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किए गए नए इलाकों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते नगर परिषद प्रशासन ने कुछ गांवों को जानबूझकर परिसीमन से बाहर रखा है। विशेष रूप से रसगन, किरवारी और मातोर गांवों के लोग नाराज हैं, क्योंकि इन्हें नगर परिषद सीमा में शामिल नहीं किया गया, जबकि 10 किलोमीटर दूर स्थित अन्य गांवों को जोड़ा गया है। इन गांवों के लोगों का कहना है कि वे नगर परिषद की परिधि से महज 2 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, इसके बावजूद उन्हें शामिल नहीं किया गया। इस भेदभावपूर्ण फैसले के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, और वे प्रशासन के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
- वोटिंग बहिष्कार की चेतावनी-
छोड़े गए गांवों के लोगों ने आगामी चुनावों में मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि नगर परिषद प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और उनके गांवों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और चुनाव में भाग नहीं लेंगे। परिसीमन को लेकर राजनीतिक दलों के दबाव की चर्चा भी जोरों पर है। जानकारों का मानना है कि कुछ खास इलाकों को परिसीमन में शामिल करने और कुछ को बाहर रखने के पीछे राजनीतिक समीकरणों को साधने की रणनीति काम कर रही है। स्थानीय स्तर पर विपक्षी नेताओं ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और नगर परिषद प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।






