स्वच्छता के दावे खोखले ,गंदगी के ढेर पर गुरलाँ ग्राम पंचायत

सफाई के अभाव में अस्तित्व खोता रणजीत सागर तालाब ,गंदगी से लोग परेशान, गौवंश का काल बन रहा कचरा

Mar 28, 2025 - 20:17
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स्वच्छता के दावे खोखले ,गंदगी के ढेर पर गुरलाँ ग्राम पंचायत

गुरला: (बद्रीलाल माली) जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर हाईवे 758 पर गुरलाँ स्थित रणजीत सागर तालाब में गंदगी का आलम बना हुआ है। साफ सफाई के अभाव में तालाब में गंदगी फैल रही है। वहीं देखरेख के अभाव में तालाब अपना अस्तित्व खोता जा रहा हैं। ग्राम पंचायत के नकारा प्रबंधन व करोड़ों रुपए के सफाई फण्ड के दुरूपयोग के कारण तालाब में गांव का गन्दा पानी जा रहा है। साथ ही कचरा प्रबंधन नहीं होने से ग्रामीणों एवं दुकानदारों द्वारा कचरा एवं ग्रामीणों द्वारा भी किसी भी आयोजन के बाद पॉलीथिन से बने उत्पाद को उठाकर तालाब में फेंक देते है। जिससे तालाब का स्वरूप बिगड़ रहा है। वहीं पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। जिससे तालाब का पानी दूषित हो जाने से पास ही पेयजल स्त्रोत कुएं का पानी लोगों द्वारा उपयोग करने से हैजा, मलेरिया, चर्म सहित अन्य गंभीर बीमारी होने की संभावना बनी है। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब से शाम होते ही इतनी दुर्गंध आती है कि लोगों को रहना दूभर हो जाता है। 

स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत व राजस्व गांवों में नियमित सफाई के दावे खोखले - स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में स्वच्छता को लेकर सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्राम पंचायत व उसके अधीनस्थ आने वाले राजस्व गांवों में नियमित साफ सफाई को लेकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में टेंडर प्रक्रिया के तहत संवेदकों को कार्यादेश दे दिए जाते हैं। इसमें नियम व शर्तों के आधार पर घर-घर से कचरा संग्रहण के साथ-साथ मार्गो की नियमित सफाई करवाना था। परन्तु सफाई होतीं नहीं है, गुरलाँ ग्राम पंचायत के हालात स्वच्छता में बद से बदतर है।
गौवंश खा रहे प्लास्टिक, हो रहें बीमार -  ग्राम पंचायत द्वारा कचरा निस्तारण नहीं होने से गौवंश कचरा (प्लास्टिक युक्त) खा कर बीमार हो रहें हैं गौवंश प्लास्टिक खाने के बाद मौत हो जाती है  इस कारण से गौरक्षकों में आक्रोश है शीघ्र कचरा निस्तारण नहीं होने पर आन्दोलन किया जाएगा गौरक्षक ने कहा यदि कचरा का सहीं निस्तारण हो तो गौवंश को प्लास्टिक खाने से बचाया जा सकता है

घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य भी नहीं होता है !- घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य भी संवेदक की ओर से करवाया जाना है। वह भी नहीं हो रहा है। नियमित साफ सफाई को लेकर ग्राम विकास अधिकारी भी जिम्मेदार होने चाहिए। सरकार ने ग्राम पंचायतों में स्वच्छता मिशन को लेकर संवेदक द्वारा किए गए कार्य का पंचायत समिति के सहायक अभियंता, सहायक विकास अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी की ओर से विडियो ग्राफी व भौतिक सत्यापन किया जाता है। इन अधिकारियों की ओर से प्रत्येक 15 दिवस में स्वच्छता को लेकर देखरेख करना भी है। इन सबके बावजूद ग्रामीण हर दिन गंदगी का सामना कर रहे हैं।

ग्रामीणो की मांग गांव में घर-घर से कलेक्ट किया जाए कचरा, साफ सफाई पर हो फोकस - निर्मल भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कूड़ा एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना क्रियांवित की जाए गांवों में ठोस कूड़ा-कचरा व तरल अपशिष्ट के निपटान के लिए गांव में उचित प्रबंध किएजाए । निर्मल भारत अभियान का उद्देश्य ही ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। ठोस एवं तरल कूड़ा-कचरा प्रबंधन के माध्यम से ही व्यवस्था के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। इतना ही नहीं गांव में बेकार पड़ा ठोस कूड़ा-कचरा पंचायतों के लिए आमदनी का एक साधन भी बन सकता है!

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