सम्राट पृथ्वीराज जी की 859 वीं जयंती तारागढ़ पर फहराया तिरंगा, गूंजे भारत माता के जयकारे
विशाल प्रतिमा और दुर्ग के जीर्ण उद्धार की मांग उठी ।

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) सम्राट पृथ्वीराज चौहान जयंती दो दिवसीय कार्यक्रम में आज प्रातः 7 बजे देश भक्ति गीतों के साथ पुरुषों महिलाओं की प्रभात फेरी और ऐतिहासिक तारागढ़ की पहाड़ी स्थित दुर्ग के प्रांगण में पुलिस जाब्ते और जिला प्रशासन के बंदोबस्त के बीच
आयोजन में 52 कोस के क्षेत्र से आए रंग-बिरंगे परिधान में आए सम्राट चौहान के वंशजों, संतों, पूर्व सैनिकों, समाजसेवियों, नागरिक के साथ संस्था के पदाधिकारी और भारी संख्या में हिंदू मुसलमान महिलाएं बच्चे एकत्रित हुए । आयोजकों नें तारागढ़ किले पर भगवा ध्वज के साथ तिरंगा झंडा फहराया और वंदे मातरम , सम्राट पृथ्वीराज चौहान अमर रहे, सनातन धर्म की जय के नारों से आसमान गूंज उठा । इसके साथ कार्यक्रम में एक नई सांस्कृतिक चेतना और आत्मगौरव का संदेश दिया।
सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु के बैनर तले मुख्य अतिथि साध्वी अनादि सरस्वती ने आयोजन को आत्मसम्मान और सांस्कृतिक जागरण और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता जताते हुए सम्राट की जीवनी को आत्मसात करने की आवश्यकता जताई। रिटायर्ड जज और अध्यक्ष अजय शर्मा और संयोजक तरुण कुमार वर्मा ने गौरव पूर्ण इतिहास की जानकारी दी l
राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त निदेशक पद से सेवानिवृत डॉ लाल थदानी, चौहान वंशज और रावत महासभा के सभी वक्ताओं ने पुरातत्व विभाग से पृथ्वीराज चौहान स्मारक पर विशाल प्रतिमा और दुर्ग के जीर्ण उद्धार की मांग रखी । पूर्व अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक रावत चंद्र चौहान, आनंद प्रकाश गोयल, डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. शैतान सिंह, सुरेंद्र सिंह रावत, नारायण सिंह रावत, हेम सिंह वर्मा ने भी संबोधित किया ।
इनके अलावा दरगाह कमेटी के सदर मदद अली तथा मैनेजमेंट कमेटी के सचिव रब नवाज, दरगाह कमेटी के सदस्य हाफिज भाई , मौलाना आजाद अब्दुल कलाम कल्याण समिति के संस्थापक अध्यक्ष और भीलवाड़ा दरगाह से डॉ मंसूर अली ने वंदे मातरम और जय भारत का उद्घोषणा करते हुए राष्ट्र धर्म, एकता , अखंडता , आपसी भाईचारा और अमन चैन शांति का विश्व व्यापी पैगाम दिया ।
विजय कुमार शर्मा ने ओजस्वी शौर्य गाथा से भरी कविता सुनाई । कार्यक्रम के पश्चात डॉ लाल थदानी की सेहत के लिए दरगाह शरीफ़ में खादिम हाफ़िज़ ने मन्नत मांगी और दुआएं अता की ।






