उत्साह, लगन एवं भक्ति भाव से की जा रही सेवाओं से जनसाधारण प्रभावित तैयारियां पूर्णता की ओर
खैरथल ( हीरालाल भूरानी)
महाराष्ट्र के 57वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के शुभारम्भ होने में अब कुछ ही दिन शेष है जिसके अंतर्गत समागम की तैयारियों में जुटे निरंकारी श्रद्धालु भक्त, समागम स्थल को समतल एवं सुंदर बनाने हेतु हर एक व्यवस्था को अंतिम रूप दे रहे हैं। नागपुर के मिहान, सुमठाणा स्थित विशाल मैदानों में यह तीन दिवसीय संत समागम शुक्रवार 26 जनवरी से आरंभ होने जा रहा है, जिसका समापन 28 जनवरी को होगा। इस दिव्य संत समागम पर निरंकारी भक्त सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में भक्ति का आनंद प्राप्त करेंगे।
इस संत समागम मे अलवर जिले से भी सैकड़ो की संख्या मे श्रद्धांलु भक्तगण शामिल होंगे ओर इस भव्य संत समागम का सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य मे भरपूर आंनद लेंगे, श्रद्धालु रेल व हवाई यात्रा के माध्यम से समागम स्थल पहुंचेंगे, साथ ही समागम अग्रिम सेवा मे भी अलवर जिले से सेवादार भाई बहन समागम स्थल पर पहुंच कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सभी श्रद्धालु जिस उत्साह, लगन, भक्तिभाव, मर्यादा एवं अनुशासन से अपनी सेवायें निभा रहे हैं उसे देखकर जनसाधारण अत्यंत प्रभावित हैं। समागम स्थल का यह अनुपम दृश्य आसपास से गुजरने वाले राहगीरों एवं स्थानीय नागरिकों के आकर्षण एवं उत्सुकता का केन्द्र बना हुआ है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम में सम्मिलित होने वाले सभी भक्तों के लिए व्यापक स्तर पर रिहायशी टैंट, लंगर एवं कैन्टीनों का समुचित प्रबंध किया जा रहा है।
भक्ति भाव से की गई इन सभी तैयारियों में निश्चित रूप से कुशलता की एक सुंदर झलक देखने को मिलती है। निसंदेह हम यह कह सकते है कि इस पावन संत समागम में देश एवं विदेश की विविधता से परिपूर्ण संस्कृति एवं संप्रभुता की बहुरंगी छठा हर वर्ष की भांति ही प्रदर्शित होगी जिसमें सम्मिलित होने वाला प्रत्येक श्रद्धालु भक्त इस आलौकिक आनंद की अनुभूति को प्राप्त करते हुए सतगुरु एवं संतों की दिव्य वाणी से प्रभावित होकर अपने जीवन के मूल मन्तव्य की ओर प्रेमाभक्ति के भाव से अग्रसर होगा।