100 दिन की कार्ययोजना के कामों में देरी को लेकर अधिकारियों पर भड़के सीएम भाजनलाल
जयपुर (राजस्थान) सीएमओ में मंगलवार को बिजली की समीक्षा, बजट (लेखा-अनुदान) घोषणा व सौ दिवसीय कार्ययोजना को लेकर हुई मीटिंग में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट (लेखा-अनुदान) घोषणा व सौ दिवसीय कार्ययोजना के कुछ कामों में देरी पर नाराजगी जताई। और सख्त आदेश दिया कि घोषणाओं से संबंधित कार्य में किसी भी स्तर पर देरी नहीं हो। देरी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
सीएम ने अधिकारियों को कहा कि प्रदेश में गुड गवर्नेंस का मॉडल स्थापित करके आमजन की सेवा करना राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय है। हमारी सरकार अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के बारे में सबसे पहले सोच कर नीति-कार्यक्रमों का निर्धारण कर रही है। बकाया कामों की डेडलाइन तय कर जल्दी पूरा किया जाए। न्होंने अधिकारियों को कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर बिजली-पानी बचत अभियान चलाया जाए। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, एसीएस शिखर अग्रवाल व प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।।
सीएम ने कहा - बकाया घोषणाओं को संबंधित विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल किया जाए, ताकि विभागीय स्तर पर त्वरित निर्णय लिए जा सके। विकास कार्य प्रारंभ करने से पूर्व जमीनों का भौतिक सत्यापन हो, ताकि देरी नहीं हो। बालिकाओं-महिलाओं की सुरक्षा राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय है।
कर्मचारियों को घर पर मिलेगी दवाइयां
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के अंतर्गत राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ के माध्यम से कार्मिकों-पेंशनरों को दवाईयों की होम डिलिवरी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एडीएम स्तर के अधिकारी द्वारा कार्यों की प्रतिदिन मॉनिटरिंग हो
दरअसल, आरजीएचएस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकारी और निज़ी अस्पतालों में निशुल्क आउटडोर और इनडोर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। लेकिन अब कर्मचारियों को डॉक्टर के परामर्श के बाद सरकार उनके घर तक दवाइयां उपलब्ध करवाने की तैयारी कर रही हैं।
किसानों को दिन में बिजली देना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार किसानों को सिंचाई हेतु दिन में बिजली आपूर्ति उपलब्ध करवाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। पीएम कुसुम योजना के माध्यम से इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए मिशन मोड पर काम किया जाए। अभियान चलाकर जनप्रतिनिधियों के सहयोग से इस योजना का आमजन में प्रचार-प्रसार करें तथा किसानों को योजना से मिलने वाले लाभ के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करें। इस योजना के क्रियान्वयन से स्थानीय क्षेत्र में रोजगार सृजन भी होगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आम जनता तक निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने निर्देश दिए है। बैठक में पीएम-कुसुम योजना के ‘अ’, ‘ब’ तथा ‘स’ घटकों की प्रगति, सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के वित्तीय संसाधनों की जानकारी सहित ऊर्जा विभाग के अन्य मसलों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी रबी फसल के सीजन को देखते हुए विभाग अपनी तैयारियां पूरी रखें जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पूरी बिजली मिल सके। पीएम-कुसुम कंपोनेंट ‘बी’ के तहत 70 हजार से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल चुका है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने में वित्तीय सहयोग के लिए कलेक्टर बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें।
ऊर्जा विभाग की मीटिंग में सामने आया कि प्रदेश में अगले 10 साल तक की बिजली डिमांड को पूरा करने की प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए राजस्थान में 1.60 लाख करोड़ के निवेश से करीब 31 हजार 825 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट लगेंगे।
16 हजार 678 पदों पर दी नियुक्ति
सीएम भजनलाल ने कहा कि युवाओं को रोजगार के उचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने लेखा-अनुदान में 70 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। इनमें से कुल 46 हजार 911 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। वहीं 16 हजार 678 पदों पर नियुक्ति भी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मिशन ओलंपिक 2028 के लिए स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं के निखारने का कार्य कर रही है।