सीकरी थाना पुलिस की कार्यवाही: एक कोठरी में बैठकर कर साइबर ठगी करते 8 ठग गिरफ्तार
13 मोबाईल फर्जी सिम सहित जब्त
डीग जिले की सीकरी थाना पुलिस ने साइबर ठगी करते 8 ठगों को गिरफ्तार किया है। उसमें से 3 युवक नाबालिग हैं। आरोपी एक कोठरी में बैठकर साइबर ठगी कर रहे थे। पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर सभी आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों से फर्जी सिम सहित 13 मोबाइल जब्त किए गए हैं।
सीकरी थाना अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि कल मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि वजीरखेड़ी के जंगल में बांध के पास बनी एक कोठरी में कुछ लोग साइबर ठगी का काम कर रहे हैं। तुरंत पुलिस की एक टीम का गठन कर मौके पर भेजा गया। जहां से मुखविर की सूचना पर वजीरखेडी के जंगल में बांध के पास बनी कोठरी से साईबर ठगी का काम कर रहे आरोपी
- सोहिल पुत्र नूर मौहम्मद जाति मेव उम्र 19 साल निवासी अलघानी पुलिस थाना सीकरी
- साहिद पुत्र श्री मुवीन जाति मेव उम्र 19 वर्ष निवासी ठेकडा पुलिस थाना ढहरा जिला अलवर
- अजरू उर्फ अजरूदीन पुत्र ईषाक जाति फकीर उम्र 26 साल निवासी बयारी पुलिस थाना सीकरी
- सैकुल पुत्र साहुन जाति मेव उम्र 20 साल निवासी आलमशाह पुलिस थाना सीकरी
- परवेज पुत्र साहुन जाति मेव उम्र 19 साल निवासी आलमशाह पुलिस थाना सीकरी को गिरफ्तार किया है वही 03 किशोर विधि से सघर्षरत बालकों को निरूद्व कर पुलिस संरक्षण में लिया जाकर उनके कब्जे से कुल 13 एन्ड्रॉयड मोबाईल फोन मय सिम जब्त किए गए हैं।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह चोरी के फोन में फर्जी सिम डालकर फर्जी फोन व फर्जी सिमो से फोन मे बने वाटसअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, अन्य एपों व फर्जी आईडी आदि का उपयोग कर अनजान व भोले भाले लोगो कोपुरानो सिक्के, नोट आदि बेचने, अनजान लोगों को हेल्प करने का फर्जी विज्ञापन फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि एपों पर डालकर, घर बैठे ऑनलाईन पेन-पैसिंल पैकिंग का जॉब देने का फर्जी विज्ञापन फेसबुक,इंस्टाग्राम आदि एपों पर डाल कर अनजान लोगों द्वारा विज्ञापन पर दिये गये फर्जी नम्बरों पर कॉलकरने पर उनको अपने जाल में फंसाकर फाइल चार्ज व उनसे ठगी करना तथा अनजान लोगों को फर्जी लडकी बनकर चौट कर अपने जाल में फंसा कर वाटसअप वीडियो कॉल के जरिए न्यूट विडियो बनाकर फेसबुक मेम्बरों को वायरल करने की धमकी देकर वायरल नहीं करने व डिलिट करने के लिए रूपयों की डिमाण्ड करना व ठगी के रूपयों को ऑनलाईन फर्जी फोनपे, गूगलपे नम्बर व क्यूआर कोड, स्केनर, अन्य यूपीआई एप आदि का उपयोग करके धोखाधडी कर ठगी के रूपयों को ऑनलाईन डलवाना तथा साईबर फ्रॉड के जरिए डलवाये गये रूपयों को अपनी गैंग के अन्य साथियों से कमीशन पर निकाल कर ठगी का कार्य करते है।