रबी की फसल गेहूं जौ मेथी जीरा अफीम में माइक्रोराइजा का प्रयोग की बताईं विधि
गुरला (बद्रीलाल माली) नेशनल हाईवे 758 स्थित गुरला क्षेत्र में रामपुरिया में मौसम विज्ञानियों ने भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष सर्दी कम पड़ेगी एवं इसकी अवधि भी कम होगी। रवि की फसल में कम तापमान एवं जल्दी सर्दी समाप्त होने के कारण निश्चित रूप से रवि की फसलों में विपरीत असर पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पैदावार में कमी किसने की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालेगा।
पी एन शर्मा पूर्व उपनिदेशक कृषि ने बताया कि किसानों को रबी फसलों जैसे गेहूं जौ मेथी जीरा अफीम में माइक्रोराइजा का प्रयोग कोर पाण(पहली सिंचाई) मैं यूरिया खाद के साथ या सड़े हुए गोबर की खाद के साथ दो किलो प्रति बीघा की दर से फसलों को देवें। गज दो वर्षों से कपास मक्का गेहूं मेथी जीरा अफीम में इसका प्रयोग कराया गया परिणाम उत्साह जनक रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि किसान किसान पैदावार बढ़ाने के लिए हुमिक एसिड का प्रयोग फसल में सिंचाई के साथ या स्प्रे कर कर देने से भी उपज में बढ़ोतरी होगी। बाजार से हुमिक एसिड नहीं खरीदना है शर्मा ने छाणे छाछ गुड बेसन सरसों की खली से हुमिक एसिड बनाने का प्रशिक्षण किसानों को दिया है लगातार प्रशिक्षण जारी है। इससे बनाकर स्प्रे भी कर सकते हैं एवं सिंचाई के साथ धोरे में दिया जा सकता है।
किसान भाइयों से अपील करते हुए शर्मा ने कहा की जलवायु परिवर्तन सामान्य बात हो गई है इसके लिए किसानों को नवीन विधियों को अपनाना होगा साथ ही खर्चों में कटौती करने के लिए उपलब्ध साधनों का बेहतर प्रयोग बहुत आवश्यक है। बाजार में हुमिक एसिड 500 से 800 रुपया लीटर बिकता है वह भी चीन से आयात किया जाता है। गुरला कारोई गाडरमाला मुजरास कोचरिया सांगवा रामपुरिया दादिया बासड़ा आदि गांवों के किसान मोजूद थे।