वर्षों गुजर जाने के बावजूद संस्कृत सेकेंडरी स्कूल में आधे अध्यापकों सहित चपरासी के पदों के खाली: विधार्थियों भविष्य चौपट जिम्मेदार मौन
कांग्रेस ही नहीं भाजपा सत्ता आने के बावजूद शिक्षा विभाग के रिक्त पद आखिर क्यों?

अलवर (अनिल गुप्ता) अलवर जिले के मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के ग्राम चोमू में स्थित संस्कृत स्कूल संकुल केंद्र वर्ष से विषय अध्यापक की कमी के चलते हुए अभिभावकों ने अपने बच्चों को दूसरी जगह पढ़ाने का निर्णय लिया है जिससे अब नामांकन का ग्राफ पर विपरीत आ गया है।
गौरतलब रहे कि राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय चौमू में विषय अध्यापक वर्षों से नहीं है जहां बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। विद्यालय में चौदह पद स्वीकृत है। जिनमें से केवल सात पद ही भरे हुए हैं।अध्यापकों के नहीं होने के कारण अभिभावकों ने अधिकतर दूसरे स्कूल में बच्चों को दाखिला दिला दिया जिससे बढ़ा हुआ नामांकन नीचे आ गया। सात अध्यापकों के भरोसे सेकेंडरी स्कूल का संचालन हो रहा है वही राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय चौमू को संकुल केंद्र बना रखा है इसमें एक अध्यापक लगा रहता है वहीं संस्था प्रधान ऑनलाइन सूचना देने तथा संकुल के आधार पर अन्य शिक्षकों के वेतन बनवाने व सूचना देने में लगे रहते हैं इस प्रकार से केवल पांच शिक्षक ही रह जाते हैं जो हिंदी अंग्रेजी सामाजिक विज्ञान जैसे विषय को मजबूरन अध्यापन का कार्य करते हैं सेकेंडरी संस्कृत स्कूल में दसवीं के बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है यहां पर हिंदी अंग्रेजी सामाजिक ज्ञान के तीन पद रिक्त हैं इसी के साथ तृतीय श्रेणी एल टू का एक पद तथा एल वन का एक पद रिक्त है। लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के पद भी रिक्त चल रहे हैं इस गांव के रहने वाले बच्चों सिंह राकेश सिंह सरदार सिंह श्याम सिंह भगवान सिंह महावीर सिंह राम सिंह मूल सिंह भंवर सिंह ने बताया कई वर्ष से यहां पर विषय अध्यापक नहीं है इस वजह से बच्चों को दूसरी स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है इसके लिए शिक्षा विभाग और अधिकारी जिम्मेदार हैं कई बार विधायक और मंत्री से मिल चुके हैं लेकिन कोई अध्यापक नहीं लगाया गया स्कूल के प्रधानाध्यापक महेश कर्णावत ने बताया की राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय चौमू है जहां पर चौदह पद स्वीकृत हैं जिनमें से विषय अध्यापकों क्लर्क, चपरासी के सात पद खाली चल रहे हैं।
ऐसे में सामान्य शिक्षकों को ही विषय अध्यापकों की जगह पर काम करना पड़ रहा है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि वे बच्चों के हित में अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं। यदि अध्यापकों सहित अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति कर दी जाती है तो बच्चों को अधिक लाभ मिल सकेगा।






