कपूरी की आंख की रोशनी के वाहक बने डॉक्टर अभिमन्यु
राजगढ़ (अलवर) अनिल गुप्ता
अलवर जिले की थानागाजी विधानसभा क्षेत्र एवं राजगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र कोटडी रामपुर गांव की कक्षा सात में पढ़ने वाली कपूरी की है | कोरोना के दौरान 3 साल पहले जब वह अपने भाई बहनों के साथ बकरी चराने जाया करती थी तो एक दिन दुर्घटनावश आँख मे काटा लगने के कारण उसकी बायीं आँख ख़राब हो गयी |इस आँख से उसे दिखना बंद हो गया |अपने पिता को पहले ही खो चुकी कपूरी के परिवार पर मानो दुःखो का अम्बार टूट पड़ा |जैसे तैसे उसकी माँ मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही थी, उसके लिए इस पीड़ा को सहन करना असंभव सा प्रतीत होने लगा |जब कपूरी को डॉक्टरों को दिखाया गया तो, कुछ ने आँख सही होने से मना कर दिया, वही निजी अस्पतालो ने इतना खर्चा बताया की उसको वहन करना उसकी माँ के बस मे नहीं था |ऐसे लगने लगा मानो नियति ने ठान लिया हो की इस परिवार की परेशानियों को कम नहीं होने देना है।
जब इस बात का पता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टहला के डॉ अभिमन्यु सिद्ध को चला तो उन्होंने कपूरी के परिवार को सांत्वना देते हुए उनकी मदद करने का निश्चय किया |डॉ सिद्ध ने कपूरी को निजी अस्पताल मे दिखाया तो वहा भी डॉक्टरो ने कहा की उसकी आँख का ऑपरेशन तो कर देंगे लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी रोशनी आ जाएगी इसके बारे मे निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता |इसके बावजूद डॉ सिद्ध ने उसके इलाज का सम्पूर्ण ख़र्च उठाते हुए, उसकी आँख का ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया एवं उसके परिवार को हिम्मत बंधाई की ईश्वर सब शुभ करेगा |ऑपरेशन के दूसरे दिन जब कपूरी ने आँखों से पट्टी हटाई तो ईश्वर ने उस परिवार एवं डॉ सिद्ध की अर्जी को स्वीकार कर लिया था और उस बच्ची को फिर से इस संसार की ख़ूबसूरती देखने का अवसर मिल गया |अब कपूरी अन्य सामान्य बच्चो की तरह देख सकती है, पढ़ सकती है और अपने जीवन के सपनो को पूरा कर सकती है |कपूरी के परिवार का मानना है की डॉ सिद्ध उनकी बच्ची के जीवन मे भगवान के दूत की तरह आए है |वही डॉ सिद्ध गीता के उपदेश त्याग, तप एवं परहित की परंपरा को जीवन का आधार बनाकर नर सेवा ही नारायण सेवा है को ध्येय बनाकर मानव सेवा मे लीन है |