अपहरणकर्ता बीस दिनों से घर के बाहर केमरा लगा कर रहा था रेकी, देखें खबर
जहाजपुर (आज़ाद नेब) शनिवार सुबह जहाजपुर बाइपास पर अपहरण करने की वारदात की घटना को अंजाम देने वाला तकरीबन बीस दिनों से घर के बाहर केमरा लगा कर रहा था रैंकिंग कर रहा था।
खुशराज मीणा बताया कि मेरे साथ कल हुई वारदात के बाद हमने यह पता लगाया कि आखिर सुजीत सिंह सागर (अपहरण कर्ता) को हमारी गतिविधियों की कैसे जानकारी रही है। कल सुजीत ने मुझे फोन करके कहा कि तू जो भी घर पर कार्य करता है मुझे तेरी सारी जानकारी रहती है। इस बात को लेकर मेरा माथा ठनका और मेरे घर के बाहर बिजली के खंभे पर लगे ट्रायोम इंस्टिट्यूट देवली के विज्ञापन के बोर्ड पर नज़र गई। जिस पर विचार आया कि यह गांव के बीच नहीं लगा ओर गांव के अंतिम छोर पर कैसे लगा है। तब मैंने उस बोर्ड को तड़ी के माध्यम से निचे उतरा ओर खोल कर देखा तो उसके अंदर कैमरा लगा था। उस बोर्ड में कैमरे के अलावा चार्जर, बैटरी, लाइट का बोड़ भी था। इसके बाद मैंने इसकी सुचना जहाजपुर पुलिस को दी।
ट्रायोम इंस्टिट्यूट देवली का विज्ञापन बोर्ड छोटे से गांव में कैसे लगा जानिए
देवली मे संचालित ट्रायोम इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर राहुल राय ने बताया कि तकरीबन एक महीने पहले 8233295077 फोन नंबर से कॉल आया ओर कहा कि आपको विज्ञापन के लिए बोर्ड बनाने है तो हमने मना कर दिया फिर उसने कहा कि हम हर संस्था को एक सैम्पल के तौर पर फ्री में बना कर दे रहे है लगाना चाह रहे है तो हमने हां कर दी थी। तकरीबन 15 से 20 दिन पहले इसी नंबर से उसने बिजली के खंभे पर लगी फोटो भेजी ओर कहा कि देवली की ज्योति कॉलोनी में इसको लगाया है। हमें यह नहीं पता कि उसने लक्ष्मीपुरा गांव मे जाकर लगाया था।
कैमरे के लिए लाइट कि व्यवस्था कैसे की
लक्ष्मीपुरा निवासी चंबल परियोजना जालमपुरा चौराहे पर कार्यरत पंप ऑपरेटर अजय राज मीणा ने बताया कि तकरीबन एक महिने दरमियान मैं ड्यूटी कर घर जा रहा था एक युवक ने बोरानी मे मुझे रूकवाया ओर कहा कि कोचिंग सेंटर का बोर्ड है जिसके प्रचार के आपके गांव मे भी एक बोर्ड लगाना है। कंपनी ने नया वर्जन निकला है जिसमें लाइट कि जरूरत होती है। आपके घर के पास लाइट का पोल है उस पर लगा दे ओर लाइट आपके घर से दे देना आपके लाइट का बिल आएं तब बता देना मै कम्पनी से बिल पास करा कर दे दूंगा।
ट्रायोम इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर राहुल राय व लक्ष्मीपुरा निवासी चंबल परियोजना जालमपुरा चौराहे पर कार्यरत पंप ऑपरेटर अजय राज मीणा के बयानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि दोनों व्यक्तियों ने लालच में आकर जाने अनजाने अपराधी का साथ दिया।