पुराने रिवाजों की ओर लौट रहे लोग: बैलगाड़ी में दुल्हन के घर पहुँची बरात
गुरलाँ (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) भीलवाड़ा गाडरी समाज के प्रदेशाध्यक्ष नारायण गाडरी के पुत्र राधेश्याम गाडरी की बारात आज गांधी नगर भीलवाड़ा से बिलियाखुर्द बैलगाड़यो में सजे-धजे बैल गुब्बारे लगे हुए गले व पैरों में बड़े गुंगरु गीत गाती औरते ढ़ोल नगाड़ो के साथ मस्ती के साथ बारात बिलिया खुर्द पहुँची ।
रास्ते में राहगीरों ने इस दृश्य को देखकर बहुत ही रोमांचित हुए वीडियो व फोटो लेना नही भूले बहुत सी जगह माला पहनाकर स्वागत कर बधाई दी गई ।
दूल्हे के पिता नारायण गाडरी ने बताया कि दूल्हे की मांग व भावना को ध्यान में रखते हुए बैलगाड़ियों से बारात ले जाने का निश्चय किया शहर में बैल गाड़ियां नहीं होने से आसपास के गावो से बैल गाड़ियों व्यवस्था कर पुराने जमाने की परम्परा को कायम रखने का प्रयास किया
बारातियों व बेल गाड़ियों का बारात पहुचने पर जोरदार स्वागत किया गया गाड़ी सारथियों का तिलक माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया है।