जाटव समाज की ओर से उठने लगी जाटव विकास कल्याण बोर्ड गठन की मांग
वैर । राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार रिपीट करने के लिए आमजन का विश्वास जीतने में किसी भी प्रकार से कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में 19 नवीन जिलों का गठन कर मिशाल पेश की है।इसके अलावा समाज के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के लिए विकास कल्याण बोर्ड बनाकर जन जन का विश्वास जीता हैं और दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। बोर्ड गठन की मांग को लेकर युवा नेता एवं पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि बृजेन्द्र उर्फ बंटी आजादपुर के नेतृत्व में वैर सर्किट हाउस पर क्षेत्र से पधारे करीब दो दर्जन से अधिक जाटव समाज के लोगों ने एकत्रित होकर चर्चाएं की एवं मुख्यमंत्री के नाम पत्र भी प्रेषित किया। पत्र में उल्लेख किया है कि संपूर्ण राजस्थान में अनुसूचित जाति वर्ग की 18.7 आबादी है जिसमें जाटव समाज की 8% भागीदारी है इसके बावजूद भी जाटव समाज की बस्तियां सभी क्षेत्रों में पिछड़ी हुई हैं जाटव समाज की बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, अस्पताल आदि सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण जाटव समाज अभी भी दयनीय स्थिति में है ।पूर्वी राजस्थान जाटव वाहुल्य इलाका है। जाटव समाज भरतपुर जिले में बहुतायात में सामाजिक संरचना का हिस्सा है परंतु प्रदेश भर में यह सबकास्ट के रूप में उपस्थिति दर्ज करवाता है पूर्वी राजस्थान में जाटव समाज समस्त जनसंख्या का 22% हिस्सा रखता है और प्रदेश भर में इनकी संख्या से 8 से 10% है परंतु यह विडम्बना रही है कि आबादी के 76 साल गुजर जाने के बावजूद भी उनकी लगभग 95 प्रतिशत आबादी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से घोर पिछड़ेपन का शिकार रही है यह स्थिति बेहद दुखद है कि सामाजिक पायदान में जातियों की स्थिति सुधारने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न जातियों के लिए विकास बोर्ड का गठन किया है परंतु जाटव समाज के इस मांग पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वर्तमान कार्यकाल में अनेकों लोक कल्याणकारी किए हैं जिनकी मिसाल मिलना असंभव है परंतु जाटव समाज की इस महत्वपूर्ण मांग पर आज तक कोई प्रसंगज्ञान नहीं लिया है जो समस्त जाटव समाज में घोर असंतुष्टि का कारण बना हुआ है जाटव समाज के विकास हेतु जाटव विकास बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए । जबकि राजस्थान सरकार ने एससी वर्ग में रैगर , बैरवा एवं अन्य जातियों के लिए विकास कल्याण बोर्ड गठित कर दिए गए हैं।