एक बार फिर प्रशासन की अनदेखी, युवक मांगे मनवाने चढ़ा मोबाइल टॉवर पर
जहाजपुर (आज़ाद नेब)
रावत खेड़ा पंचायत में हो रहे गड़बड़ घोटालों को उजागर करने के लिए पंचायत क्षेत्र के एक युवक ने अपनी आवाज़ उठाई। स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिला कलेक्टर तक को लिखित में शिकायतें दर्ज करवाई लेकिन प्रशासन की उदासीनता एवं अनदेखी से त्रस्त होकर युवक ने प्रशासन का ध्यान रावत खेड़ा पंचायत में हो रहे गड़बड़ घोटालों को उजागर करने के लिए मोबाइल टॉवर पर चढ़ने को मजबूर होना पड़ा। जहाजपुर थाना क्षेत्र के रावत खेड़ा ग्राम पंचायत मे हुए भ्रष्टाचार व गबन की जांच की मांग को लेकर युवक टावर पर चढ़ गया ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व नायब तहसीलदार रामराज सुथार मौके पर पहुंचे और युवक से समझाइश कर टावर से निचे उतरा। टावर पर चढ़े युवक गोपाल पिता कानाराम मीणा से बताया ग्राम पंचायत मे भ्रष्टाचार व गबन के मामले को लेकर 26 फरवरी 2024 को जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया गया था लेकिन भ्रष्टाचार व गबन मामले मे अभी तक कोई कार्यवाही नही होने पर आज मुझे मोबाइल टॉवर चढ़ने पर चढ़ कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना पड़ा।
वही गौरतलब है कि जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत को 26 फरवरी को दिये गये ज्ञापन मे रावत खेड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने सरपंच पुत्र एवं ग्राम विकास अधिकारी पर पंचायत के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा था वही ज्ञापन में बताया गया था कि ग्राम पंचायत रावत खेड़ा के ग्राम विकास अधिकारी व सरपंच पुत्र मिलकर ग्राम पंचायत में अत्यधिक भ्रष्टाचार कर रहे है। ग्राम पंचायत में वर्ष 2023-24 हेतु टेण्डर नहीं खोला गया। फिर भी सरपंच पुत्र व ग्राम विकास अधिकारी मिलकर मनचाही फर्म के बिल लगाकर राजकीय राशि का गबन कर रहे है। साथ ही किचड़ निस्तारण, ग्रेवल, मिठाई, टेन्ट आदि के नाम पर लाखों रुपयों का गबन किया गया है। जिसकी जांच कर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएं। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी बन्नालाल रेगर का 23 जनवरी को ही स्थानान्तरण होने के बाद भी लाखों रुपयों का फर्जी बिलों का भुगतान किया है और लोगो से रुपये लेकर पट्टे जारी किए जिन पर सरपंच की जगह सरपंच पुत्र के हस्ताक्षर किए गए है। पूर्व में भी सरपंच पुत्र द्वारा जल जीवन मिशन योजना में हर घर नल कनेक्शन के नाम पर रसीदें काटकर पंचायत खाते में जमा न करवाकर गबन किया। जिसकी पूर्व में जिला कलेक्टर को की गई शिकायत की जांच विकास अधिकारी द्वारा की गई। जांच में लगभग 698900 रु का गबन किया जाना सामने आया था फिर भी कार्यवाही नही की गई।